उज्जैन। सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा इन दिनों धार्मिक नगरी उज्जैन में चल रही है। आज सोमवार को कथा का अंतिम दिन था । भगवान शिव महापुराण (shiv mahapuran) कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग उज्जैन पहुचें थे । उज्जैन में चल रही शिव महापुराण कथा के दौरान प्रदीप मिश्रा का विरोध भी देखने को मिला एक पुराने बयान को लेकर डाक्टर आंबेडकर विधार्थी संगठन ने मिश्रा का पुतला दहन कर अपना विरोध दिखाया और पंडित प्रदीप मिश्रा पर प्रकरण दर्ज करने की मांग की |
प्रदीप मिश्रा के पूर्व में दिए संविधान बदलने के बयान पर आज उज्जैन में उनके खिलाफ प्रदर्शन हुआ। डॉ. आंबेडकर छात्र संगठन और अजाक्स संगठन ने पुलिस कंट्रोल रूम के बाहर ही ज्ञापन देने से पहले प्रदीप मिश्रा का पुतला जलाकर विरोध जताया। साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कथावाचक पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी एक ज्ञापन के माध्यम से की। संगठन की महिलाओं ने कहा कि यदि आठ दिन में प्रकरण दर्ज नही हुआ तो पं. मिश्रा की जहां भी कथा होगी। वहां अजाक्स संगठन विरोध प्रदर्शन कर ज्ञापन सौपेंगा।
बताया जा रहा है कि, प्रदीप मिश्रा ने पूर्व में भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने और संविधान में परिवर्तन करने की मांग उठाई थी। संविधान में परिवर्तन करने की मांग गलत है। इसी के चलते पंडित प्रदीप मिश्रा का पुतला दहन किया गया है और FIR की मांग की गई।
प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि यदि उनकी मांग नहीं मानी और पंडित प्रदीप मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार नहीं किया गया तो आंदोलन आगे भी जारी रहेगा। भीम आर्मी के कार्यकर्ता धर्मेंद्र ने बताया कि कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने संविधान को बदलने की बात मंच से कही है। वे दंगे भड़काने जैसी बात कर रहे हैं। आज पूरा देश संविधान से चल रहा है। प्रदीप मिश्रा ने जो कहा है वह न्याय संगत नहीं है।
दरअसल पिछले साल 2022 में प्रदीप मिश्रा ने नर्मदापुरम में मई माह में हुई कथा के दोरान संविधान बदलने की बात कही थी। नर्मदापुरम में पिछले साल 3 मई से 9 मई तक शिवमहापुराण कथा थी। यहां पंडित प्रदीप मिश्रा लोगों को भगवान शिव की महिमा के बारे में बता रहे थे। इसी दौरान उन्होंने गीत के जरिए हिंदू राष्ट्र बनाने की अपील की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि, सोने की चिड़िया को अब सोने का शेर बनाना है। संविधान को बदलो हमको हिंदू राष्ट्र बनाना है।
