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मलखंभ फेडरेशन ऑफ इंडिया (एमएफआई) के राष्टीय अध्यक्ष बने गेहलोत: उज्जैन को मिला सम्मान

उज्जैन || मध्यप्रदेश की धार्मिक राजधानी उज्जैन के नाम एक और उपलब्धि आ गई है , उज्जैन नगर निगम के पूर्व सभापति सोनू गेहलोत को  मलखंभ फेडरेशन ऑफ इंडिया (एमएफआई) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है | MFI  की विशेष जनरल मीटिंग बिलासपुर में हुई। इसमें पूर्व नगर निगम सभापति सोनू गेहलोत को मलखंभ फेडरेशन ऑफ इंडिया का अध्यक्ष बनाया गया। गेहलोत को यह जिम्मेदारी मिलने के बाद अब उज्जैन सहित देश में मलखंभ को बढ़ावा दिए जाने के साथ में मलखंभ गतिविधियां तेज हो सकेंगी।

इसमें देश में नई मलखंभ अकादमी और सेंटर शुरू किए जाएंगे। मलखंभ को औलंपिक, कामनवेल्थ, एशियाई अवार्ड चैंपियनशिप में शामिल करवाने के प्रयास किए जाएंगे। एमएफआई के निवृत्तमान महासचिव धर्मवीर सिंह, छत्तीसगढ़ मलखंभ एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रेम शुक्ला की मौजूदगी में हुई मीटिंग में मलखंभ को भारत सरकार की नीतियों के अनुसार आगे बढ़ाने सहित चिह्नित स्थानों पर मलखंभ अकादमी और सेंटर शुरू करवाए जाने का निर्णय लिया गया।

मलखंभ की अन्य प्रतियोगिताओं सहित मलखंभ को औलंपिक, कामनवेल्थ, एशियाई अवार्ड चैंपियनशिप में शामिल करवाने के प्रयास किया जाएगा। टेक्निकल कमेटी, एथिक्स कमेटी, फाइनेंस कमेटी, अनुशासन कमेटी बनाए जाने का निर्णय लिया गया। आगामी चार सालों के लिए मलखंभ फेडरेशन ऑफ इंडिया की कार्यकारिणी का सर्वसम्मति से निर्वाचन किया गया।

इसमें सोनू गेहलोत को अध्यक्ष व उपाध्यक्ष विनय तेंदुलकर, संगीता चोकसी, प्रशांत मिश्रा, जय चंद्रन, प्रवीण मिश्रा, महासचिव डॉ. राजकुमार शर्मा, कोषाध्यक्ष अजय झा, संयुक्त सचिव शशि बाला, राजेंद्र कुमार, रमेश ओली, राजेंद्र शर्मा, संजय कुमार बनाए गए।

कार्यकारिणी सदस्य अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच एथलेटिक द्रोणाचार्य पुरस्कार और अर्जुन पुरस्कार प्राप्त योगेश मालवीय, गणेश देवरुखकर, हिमानी परब व सागर ओवलेकर, सरिता पोयाम बनाए गए हैं। गेहलोत मप्र मलखंभ एसो. के अध्यक्ष भी हैं और निगम में अध्यक्ष पद पर रहे हैं।

मल्लखम्ब का समृद्ध इतिहास

इसकी उत्पत्ति 12वीं शताब्दी में भारतीय राज्य महाराष्ट्र में हुई थी। “मल्लखंब” शब्द मराठी शब्दों “मल्ला” (जिसका अर्थ है पहलवान) और “खंब” (जिसका अर्थ है डंडा) से लिया गया है, जो पारंपरिक भारतीय कुश्ती के साथ इसके प्राथमिक जुड़ाव को दर्शाता है

मल्लखंब शब्द का क्या अर्थ है?

‘मल्ल’ का शाब्दिक अर्थ है कुश्ती और ‘खंब’ का अर्थ है डंडा। कुल मिलाकर, मल्लखंब का अर्थ है डंडे पर कुश्ती । पहलवान और योद्धा डंडे का उपयोग मार्शल आर्ट चालों को निपुण बनाने के लिए एक प्रशिक्षण उपकरण के रूप में करते थे, जिसका उपयोग वे बाद में रिंग या युद्ध के मैदान में विरोधियों पर कर सकते थे।

मध्यप्रदेश का मुख्य खेल है मलखंब 

मलखम्ब  मध्य प्रदेश का प्रमुख खेल माना गया है । मल्लखंब एक पारंपरिक खेल है, जो भारतीय उपमहाद्वीप से उत्पन्न होता है, जिसमें एक जिमनास्ट ऊर्ध्वाधर स्टेशनरी या लटकते लकड़ी के खंभे, बेंत या रस्सी के साथ संगीत कार्यक्रम में हवाई योग या जिमनास्टिक मुद्रा और कुश्ती करता है। कई टीवी चेनल पर इस खेल का स्टैंड भी मध्यप्रदेश के खिलाडी दिखा चुके है |
मल्लखंब, मराठी शब्दों “मल्ल” (पहलवान) और “खंब” (खंभा) से लिया गया एक शब्द है, जो शुरू में 12वीं शताब्दी में पहलवानों के लिए एक प्रशिक्षण व्यवस्था थी। पहलवान मल्लखंब का उपयोग अपनी ताकत, लचीलापन और संतुलन बढ़ाने के लिए करते थे, जो उनके खेल में सफलता के लिए सभी आवश्यक गुण हैं।

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