ये कैसी माँ वो कैसा बाप एक माँ अपने माँ धर्म को भूली और एक पिता अपने बाप होने की जिम्मेदारी निभा ना सका बोहरा समाज के भाई बहन की आत्म हत्या की मिस्ट्री पर पुलिस का चोका देने वाला खुलासा
उज्जैन | 29 मार्च 2024 को उज्जैन के बोहरा बाखल स्थित सेफी मोहल्ले में आम दिनों की तरह रमजान पर्व का उत्साह था , आम दिनों की तरह समाज के लोग रमजान पर्व की इबादत में जुटे हुए थे , लेकिन इस मोहल्ले का एक परिवार था जिनके घरो की चार दिवारी के पीछे कुच ठीक नहीं चल रहा था , घर में घर के मुखिया यानी पिता नहीं थे क्योकि पिता नोकरी करने के लिए कई सालो से विदेश गए हुए है , लेकिन दो जवान बच्चे और उनकी माँ जरुर इस घर में मोजूद थी , और इनतीनो के बिच ही कुच ठीक नहीं चल रहा था | 29 मार्च को सेफी मोहल्ले में उस समय सनसनी फेल गई जब मोहल्ले के दो बच्चो ने रमजान जैसे पवित्र इबादत वाले महीने में अपनी जान दे दी , दोनों ने आत्म हत्या जैसा घातक कदम उठा लिया , सेफी मोहल्ले में रहने वाले दोनों भाई बहन थे और दोनों ने एक साथ आत्महत्या कर मोहल्ले के लोगो को चोका दिया | माँ घटना के दोरान अपने काम से घर से गई हुई थी |
सेफी मोहल्ले की इस घटना के बाद उज्जैन के जीवाजीगंज थाना पुलिस ने घटना के कारणों को जानने के लिए जाँच शुरू की , और घटना के कारण और उसके दोषियों तक पुलिस पहुच भी गई |
दरअसल पूरी घटना को लेकर पुलिस ने बच्चो की माँ और उसके पिता को (जो विदेश रहते ) आरोपी बनाया , वही बच्चो की मौत की खबर सुन जब पिता उज्जैन पहुचे तो पुलिस ने पिता और बच्चो की माँ को गिरफ्तार भी कर लिया | दरअसल बच्चो ने आत्म हत्या करने के पूर्व एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमे उन्होंने अपने पिता पर बच्चो के पति गैर जिम्मेदार होने का आरोप लगाया था आत्म हत्या करने वाले भाई बहनों में जो लड़का है उसे आँखों से सम्बन्धी कोई बीमारी थी जिससे वह काफी परेशान था और बहन का भाई के प्रति अति स्नेह होने के कारण वह भाई के इस दर्द को देख नहीं पा रही थी और जब बच्चे पिता से घर आने और इलाज की बात करते थे तो पिता आने को तेयार तो हो जाते पर इलाज करवाने के नाम पर पैसे ना होने का हवाला देते थे ऐसे में बच्चो को अपने पिता का साथ नहीं मिल पा रहा था | हालाकि पिता विदेश में रहते हुए घर परिवार के लिए खर्चे के पैसे भेजते रहते थे और वह इसे अपनी जिम्मेदारी समझते रहे जबकि बच्चो को पैसो के साथ पिता का प्यार नहीं मिल पा रहा था और बच्चो की माँ को पति का प्यार नहीं मिल पा रहा था | ऐसे में आखरी बार जब पिता ने इलाज के पैसे ना होने की बात कह दी तो बच्चे टूट से गए | कहा जा सकता है की एक बाप अपने पिता होने की जिम्मेदारी को ठीक से पूरा नहीं कर पा रहा था यही कारण है की जीवाजीगंज थाना पुलिस ने बच्चो की आत्महत्या मामले में पिता को आरोपी बना कर उसे गिरफ्तार भी कर लिया है |
क्या कोई माँ ऐसा भी कर सकती है जिस कारण पुलिस ने बनाया आरोपी
बोहरा समाज के दो बच्चो की आत्महत्या की इस मिस्ट्री में माँ की भूमिका को सुन हर किसी के रूहे काप उठे और ये कहने को मजबूर हो गए की कोई माँ अपने खून को अपने दिल के टुकडो के लिए ऐसा भी कर सकती है एक पल के लिए खबर में माँ की भूमिका के बारे में बताने में खबर को लिखने के दोरान हमारे हाथ भी काम नहीं कर रहे थे आँखे भरी हुई थी लेकिन समाज में ऐसी महिलाए भी है जिनकी सोच आप तक जागरूकता के लिए पहुचना उचित समझा | भाई बहन की सुसाइड केस में पुलिस ने बच्चो की माँ को भी आरोपी बनाया है क्योकि पुलिस ने पूछताछ के बाद जो [[पटकथा मीडिया के सामने रखी उसमे बच्चो की मौत के पीछे उनकी माँ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, दरअसल बच्चे आत्म हत्या जैसा कदम उठाने वाले है ये उनकी माँ को पता था , यह तक की मौत को गले लगाने के लिए बच्चो को जहरीला पदार्थ भी माँ ने ही लाकर दिया था . बच्चो के साथ माँ भी परिवार के मुखिया यानी बच्चो के पिता से परेशान थी और वह बच्चो को पिता के गैर जिम्मेदार रवय्ये के कारन दुखी नहीं देख पा रही थी , जब बच्चे पिता के प्यार के लिए टूट गए तो उन्होंने जान देने का मन बनाया और माँ उनके इस प्लान से दुखी नहीं थी , बच्चो की माँ बाहर काम करती है और जिस दोरान बच्चे आत्म हत्या करने वाले थे उनकी माँ घर पर ही मोजूद थी , बच्चो ने माँ को काम पर जाने के लिए कहा और ये भी कहा की आप स्कुल जाए हम आत्म हत्या करने वाले है , माँ बच्चो को इस कदम को उठाने के लिए अकेला छोड़ अपने काम पर चले गए , इस दोरान बच्चो ने पहले नींद की गोलिया खाई जब उससे बात नहीं बनी तो हाथ की नशे काट ली , जब इतने से भी बात नहीं बनी तो फिर आखरी में सल्फास की गोलिया खा ली |
घटना के दोरान पुलिस को क्यों नहीं मिला खून का निशान
आत्महत्या केस में जब पुलिस मोके पर पहुची थी तो मोके पर दोनों बच्चो की हाथो की नशे कटी हुई थी लेकिन पुलिस को खून के निशान नहीं मिले थे इससे पुलिस की जाँच का इशारा बदल रहा था पुलिस एक और इसे हत्या की गुत्थी समझ कर भी काम कर रही थी लेकिन पूरी पड़ताल में हत्या जैसे कोई बिंदु नहीं मिले आखिरकार पुलिस की फाइल आत्महत्या पर आकर अटक गई , दरअसल बच्चो की मौत होने के बाद जब उनकी माँ घर पहुची थी तो उसने मोके से खून को समेट लिया था | आखिर माँ ने ऐसा क्यों किया निचे के कालम में पढ़े रुंह काप उठेगी |
बच्चो की मौत को गले लगाने के पहले ये थी आखरी इच्छा
दोनों भाई बहन की मौत की घटना के बाद जब पुलिस मोके पर पहुची थी तो मोके पर बच्चो की हाथ की नसे तो कटी थी लेकिन घर में खून के कही निशान नहीं मिले , इस पर पुलिस को शंका हुई की कही बच्चो की हत्या कर सबूत को मिटाया तो नहीं गया लेकिन जब पूछताछ में बच्चो की माँ आरोपी बनी तो पता चला की बच्चो ने आत्महत्या के दोरान जब अपने हाथो की नशे काटी तो अपनी माँ को अवगत कर अपनी आखरी इच्छा जाहिर की थी और वह आखरी इच्छा थी की उनके हाथो से खून टपक रहा है और इस खून को इकठ्ठा कर रखा जाए और जब उनके पिता आए तो उन्हें दे देना और ये बताना की दोनों बच्चे उनके ही खून थे | बच्चो की मौत के बाद पिता आए तो पुलिस ने किया गिरफ्तार दोनों भाई बहन की मौत के बाद जब पिता को जानकारी लगी तो वह विदेश से सीधे उज्जैन के लिए निकल गए और बच्चो को सुपुर्दे ख़ाक होने के दोरान पहुच गए , बच्चो के सुपुर्दे ख़ाक किये जाने के बाद पुलिस ने बच्चो की मौत के मामले में पिता के साथ उनकी माँ को भी गिरफ्तार कर लिया |
* इनका कहना
जीवाजीगंज थाना क्षेत्र में भाई बहन की मौत की घटना दुखद है और एक पिता के गैर जिम्मेदाराना होने को दर्शाती है परिवार को चचलाने के लिए पैसा देना ही पर्याप्त नहीं होता बीवी बच्चो को प्यार भी मिलना चाहिर , आत्महत्या मामले में पिता का गैर जिम्मेदार होना और माँ द्वारा बच्चो को आत्म हत्या करने में मदद करना सामने आया इस लिए दोनों को आरोपी बनाया गया है | -प्रदीप शर्मा एसपी उज्जैन
