नई दिल्ली | यूपीएससी यानी संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष मनोज सोनी ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल मई 2029 तक था। हालांकि मनोज ने कहा है कि उनका इस्तीफा ट्रेनी IAS पूजा खेडकर से जुड़े विवादों और आरोपों से किसी भी तरह से जुड़ा नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक यूपीएससी के अध्यक्ष ने एक पखवाड़े पहले निजी कारणों का हवाला देते हुए अपना इस्तीफा दे दिया था। इसे अभी स्वीकार किया जाना बाकी है।
मनोज ने 28 जून 2017 को आयोग के सदस्य के रूप में पदभार संभाला था। उन्होंने 16 मई 2023 को यूपीएससी के अध्यक्ष के रूप में शपथ ली। यह इस्तीफा ऐसे वक्त में है, जब ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर का विवाद सुर्खियों में है. हालांकि, इस्तीफे की अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं है.
‘द हिन्दू’ की रिपोर्ट के मुताबिक, मनोज सोनी ने लगभग एक महीने पहले इस्तीफा दे दिया था. सूत्र की मानें तो अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाएगा या नहीं. सूत्र ने यह भी स्पष्ट किया कि इस इस्तीफे का यूपीएससी उम्मीदवारों द्वारा नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र पेश करने से जुड़े विवाद से कोई लेना-देना नहीं है. ऐसा माना जा रहा है कि मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा भारत के राष्ट्रपति को सौंप दिया है. हालांकि, सरकार ने अभी तक नए अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं की है.
कम उम्र के कुलपति बनने वाले मनोज सोनी पर एक नजर
सूत्रों के अनुसार, मनोज सोनी अब अपना अधिक समय गुजरात में स्वामीनारायण संप्रदाय की एक ब्रांच अनूपम मिशन को देना चाहते हैं. साल 2020 में दीक्षा प्राप्त करने के बाद वे अनूपम मिशन में एक साधु या निष्काम कर्मयोगी बन गए. मनोज सोनी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. 2005 में जब वे 40 वर्ष के थे, तब नरेंद्र मोदी ने उन्हें वडोदरा के प्रसिद्ध एमएस विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया था. इस तरह वे देश के सबसे कम उम्र के कुलपति बने थे.
