उज्जैन | मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव को लेकर राजनेतिक सरगर्मी जोरो पर है प्रदेश में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए खुद राहुल गाँधी ने मोर्चा संभाल लिया है वह मध्यप्रदेश के सिवनी मंडला लोकसभा सीट पर आदवासी वोटरों को साधने के लिए लगातार प्रयास कर रहे है , कांग्रेस ने यह से ओमकार मरकाम को प्रत्याशी बनाया है|
हालही में राहुल गाँधी यह प्रचार करने के लिए पहुचे थे और जब उनका कारकेट गुजर रहा था तब राहुल गाँधी की नजर खेत में महुआ बिन रही महिलाओ पर गई तो उन्होंने गाडी रोकी और वह खेत में पहुच गए थे |इस दोरान खुद राहुल गाँधी ने महुआ बिने और एक महुआ खाते हुए उसका स्वाद भी चेक किया |
राहुल गाँधी के आदिवासी महिलाओ के साथ महुआ बीनकर खाते के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने उन पर निशाना साधते हुए कहा की राहुल गाँधी जबर दस्ती के नेता है मूल रूप से उनका पिंड राजनीति के लिए नहीं है महुआ खाकर उन्होंने ये सिद्ध कर दिया उनकी सोच क्या है |
दरअसल राहुल गाँधी ने आदिवासियों से मुलाकात के दोरान खेत में काम कर रही महिलाओ के साथ महुआ बिने थे और उनका स्वाद भी चेक किया था |
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मुख्यमंत्री को माफ़ी मांगनी चाहिए क्योकि प्रदेश में आदिवासी का वह रोजगार है उन्होंने उसका अपमान किया है
क्या काम आता है महुआ
- दवा बनाने में
- त्वचा रोग और घाव भरने में
- वातकारक
- हड्डियों को ठीक करने में
- मसूड़ों की सूजन में
- अल्सर विरोधी
- स्तनपान कराने वाली महिलाओं में दूध उत्पादन उत्तेजना
- ब्रोंकाइटिस विरोधी
- एंटी-
- मधुमेह, मूत्रवर्धक, प्रतिरक्षा प्रणाली उत्तेजक, पाचन, एंटीऑक्सीडेंट
- शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में
- दर्द, बुखार, पेट का अल्सर, ब्रोंकाइटिस, दांत का दर्द आदि समस्याओं में
महुआ के फूलों से कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. जैसे- हलवा, लड्डू, जैम, बिस्कुट, सब्ज़ी आदि. छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले के आदिवासी ज़्यादातर गुड़ की जगह पर महुए के पाग का इस्तेमाल करते हैं. यहां के लोग इसके साथ रोटी खाना पसंद करते हैंमहुआ के फूलों से तेल भी निकलता है. महुआ के बीज स्वस्थ वसा (हैल्दी फैट) का अच्छा स्रोत हैं. इसका इस्तेमाल मक्खन बनाने के लिए किया जाता है. महुआ के बीज के तेल को खाने में इस्तेमाल करने से पुरुषों में बांझपन आता हैमहुआ की पत्तियों का इस्तेमाल भी कई तरह से किया जाता है. शरीर के जले हुए स्थान पर इसकी जली हुई पत्तियों को घी में मिलाकर लगाने से आराम मिलता है. महुआ की पत्तियां मवेशीयों के चारे के रूप में काम आती हैं
