उज्जैन | मध्यप्रदेश के उज्जैन में रविवार दोपहर शिप्रा नदी उफान पर आ गई। स्थिति यह रही कि घाट पर सामान्य दिनों की तरह पूजा करवा रहे पंडितों को भागना पड़ा, और देखते ही देखते छोटी रपट अचानक से ही डूब गई। स्थितियां कुछ ऐसी बनी कि घाट पर पार्क की गई चार कार भी बहने लगीं। शिप्रा नदी में बाढ़ आने की यह खबर सबसे पहले तो उज्जैन के लोगों के लिए ही चौंकाने वाली है, क्योंकि बारिश के मौसम के लगने के बाद से आज तक उज्जैन में ऐसी बारिश नहीं हुई की नदी नाले उफान पर आ जाए , वही रविवार को दिन भर में ना तो बादल बरसे ना बिजली कड़की फिर भी शिप्रा नदी उफान पर आ गई।
बताया जाता है कि दोपहर को अचानक शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ने लगा। घाट पर रहने वाले होमगार्ड के जवान हो या पंडित-पुजारी, सभी प्रतिदिन के दिनचर्या के हिसाब से ही काम कर रहे थे। लेकिन, जब शिप्रा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा तो कोई भी कुछ समझ नहीं पाया धीरे-धीरे स्थिति कुछ ऐसी बनी की जहां घाट पर पूजा करवा रहे पंडितों को यहां से हटना पड़ा। वहीं छोटी पुलिया भी डूब गई। होमगार्ड के जवान भी यह समझ नहीं पाए कि आखिर शिप्रा नदी में बाढ़ आई है तो फिर घाट पर रहने वाले लोगों को सायरन बजाकर सचेत क्यों नहीं किया गया। कुल मिलाकर अचानक से आई बाढ़ के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वह तो गनीमत रही कि होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीम ने तुरंत मोर्चा संभाला और लोगों को घाट पर जाने से रोका वरना कोई दुर्घटना भी घटित हो सकती थी।


घाट पर खड़ी गाडियों को रस्सी बांधकर बहने से रोका
अचानक आई बाढ़ के दौरान घाट पर रहने वाले कुछ लोगों ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिया ,वरना इस बाढ़ के कारण लगभग चार कार डूब जातीं। शिप्रा नदी का जलस्तर बढ़ते ही घाट के किनारे खड़ी कारें बहने लगीं, जैसे तैसे इन्हें बाहर निकाल लिया गया अगर समय रहते इन कारों को नदी से बाहर नहीं किया जाता तो यह डूब जातीं। जिन कारों को डूबने से बचाया गया उसमें कुछ कार गुजरात के श्रद्धालुओं की थी, जो कि बाबा महाकाल के दर्शन करने उज्जैन आए हुए थे।

देवास में हुई झमाझम बारिश, उज्जैन पहुंचा पानी
मध्यप्रदेश के कई जिलो में बारिश का असर देखने को मिल रहा है लेकिन उज्जैन में तो अब तक तेज बारिश का ऐसा असर नहीं दिखा की शहर के नदी नाले उफान पर आ जाए , वही रविवार को तो तेज बारिश का होना तो दूर बारिश के छीटें भी नहीं गिरे। ऐसे में सवाल लिया उठना है कि आखिर यह पानी कहां से आया। जब इस बारे में जानकारी निकाली गई तो पता चला कि शनिवार को देवास के ऊपरी हिस्सों में तेज बारिश हुई थी जिसके बाद देवास बैराज के गेट खोलने पर यह पानी तेजी से उज्जैन आ गया। यह बारिश का पानी उज्जैन मां शिप्रा के तट रामघाट तक तो पहुंच गया, लेकिन इससे यह लापरवाही जरूर उजागर हो गई कि जब इतनी अधिक मात्रा में यह बारिश का पानी उज्जैन आया था तो जिम्मेदारों ने किसी को इसकी सूचना क्यों नहीं दी?
जिला प्रशासन की लापरवाही , हो सकता था हादसा
उज्जैन शिप्रा नदी में जल स्तर बढ़ने की किसी कोई जानकारी नहीं थी , घाट पर मोजूद पण्डे पुजारी और होमगार्ड के जवानो के साथ ही बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी सामान्य दिनों की तरह मोजूद थे , ऐसे में अचानक जल स्तर बढ़ना और इसको लेकर घाट को खाली करवाने के लिए कोई संकेत नहीं दिया जाना जिला प्रशासन की बड़ी चुक है , ऐसे में यह एक बड़ा हादसा हो सकता था ,


