उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से तबाही हुई है। यह घटना 2021 की तपोवन आपदा की याद दिलाती है। धराली गांव में पानी और मलबा बह गया, जिससे कई लोग लापता हो गए। तपोवन में भी ऐसी ही घटना में 200 से ज्यादा लोग लापता हुए थे। धराली में खीर गंगा नदी में पानी बढ़ने से लोग बह गए।
देहरादून/उत्तरकाशी:|| उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आई दैवीय आपदा या बदल फटने की घटना ने साल 2021 की तपोवन आपदा के जख्म ताजा कर दिए हैं। मंगलवार को उत्तरकाशी के धराली गांव में आफत के रूप में आया पानी, मलबा, बड़े-बड़े पत्थर सब कुछ अपने साथ बहा ले गया। यहां तक जान बचाने के लिए भाग रहे लोग भी इस बाढ़ के साथ बहते हुए दिख दिए। इससे हर कोई आहत हुआ है। ठीक इसी तरह फरवरी 2021 में तपोवन विष्णुगाड जलविद्युत परियोजना पर भी नजारा देखा जा चुका है।
7 फरवरी 2021 को उत्तराखंड के चमोली जनपद में तपोवन विष्णुगाड पर पानी और मलबा आफत बनकर आया था। इसमें 200 से ज्यादा लोग लापता हो गए थे और तपोवन विष्णुगाड पनबिजली परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचा था। नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के एक पास एक ग्लेशियर टूट गया था, जिससे धौलीगंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई थी।
उत्तरकाशी से गंगोत्री तक एक ही सड़क है, जो धराली से गुजरती है। हर्षिल से धराली की 3 किमी की सड़क 4 जगह पर 100 से 150 मीटर तक खत्म हो चुकी है। भटवाड़ी से हर्षिल तक तीन जगह लैंडस्लाइड और एक पुल टूटा है। ऐसे में धराली तक सड़क खुलने में 3-4 दिन और लग सकते हैं।
उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को दोपहर 1.45 बजे बादल फट गया था। खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। तेज रफ्तार पानी के साथ आए मलबे ने 34 सेकेंड में धराली गांव को जमींदोज कर दिया था। अब तक 5 मौतों की पुष्टि हो चुकी है। 70 लोगों का रेस्क्यू किया गया है।
