ग्वालियर: विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जो कई रंगों में रंगा हुआ है यह कई प्रकार के लोगों को देखा जा सकता है ,और यह धर्म को भी ख़ासा महत्व दिया जाता है , अलग अलग जाति के लोग अपने अपने धर्म के देवी देवताओं को मानते है , कई लोगो के अंदर धर्म के प्रति काफी आस्था देखने को मिलती है. इसी भक्ति में शक्ति होती है. भक्ति-भाव में डूबे लोग भगवान को खुश करने के लिए कई तरह के काम करते हैं. कोई मंदिर में बाल दान करता है. तो कभी-कभी लोग भगवान के नाम पर बलि भी चढ़ाते हैं. लेकिन हाल ही में मध्यप्रदेश के ग्वालियर शहर से एक ऐसी भक्त की जानकारी सामने आई, जिसने जीतेजी ली गई जीवन बीमा पॉलिसी में भगवान को ही नॉमिनी बना डाला.
भक्ति का ये अनोखा मामला ग्वालियर से सामने आया. यहां रहने वाली माधुरी सक्सेना ने जीवन बीमा पॉलिसी ली थी. आमतौर पर ये पॉलिसी इसलिए ली जाती है कि अगर अचानक किसी की मौत हो जाए तो वो अपने पीछे अपने परिवार को एक आर्थिक मजबूती देकर जाए. लेकिन माधुरी सक्सेना ने इस पॉलिसी की नॉमिनी में अपने किसी घरवाले या रिश्तेदार का नाम नहीं लिखवाया था. महिला ने ग्वालियर के अचलेश्वर महादेव को नॉमिनी बनाया था. दो साल पहले महिला की मौत के बाद अब जब बीमा की रकम का सेटलमेंट किया गया, तब जाकर मामला सामने आया.
भगवान से इतना प्रेम की कर दिया अपना सबकुछ उन्ही के नाम
माधुरी सक्सेना ने 28 मार्च 2017 को बीमा सलाहकार सुषमा बंसल से जीवन बीमा करवाया था. चूंकि उनकी कोई संतान नहीं थी, साथ ही वो अचलेश्वर महादेव की बहुत बड़ी भक्त थी, इस कारण उसने उन्हें ही अपना नॉमिनी बना दिया था. माधुरी की मौत 19 मार्च 2022 को हुई थी. अब बीमा एजेंट ने मंदिर में जाकर इसकी जानकारी दी और बीमे की राशि मंदिर के अकाउंट में जमा करवा दी.
माधुरी की मौत के बाद नामिनी बने भगवान को मिले इतने पैसे
माधुरी की पॉलिसी के मुताबिक़, बीमे की सारी राशि मंदिर के कोष में जमा करवा दी गई. बीमा सलाहकार सुषमा बंसल ने मंदिर न्यास के अध्यक्ष से सारी बातचीत करने के बाद कागजात उन्हें सौंप दिए. इसी के साथ पॉलिसी के 7 लाख 42 हज़ार 982 रूपए भी मंदिर के अकाउंट में जमा करवा दिए गए. माधुरी के इस कदम की हर तरफ काफी तारीफ हो रही है. भक्ति का ये अनूठा मामला सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है.

