उज्जैन || मध्यप्रदेश के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश सरकार की शराब नीति के दोहरे रवय्ये को लेकर एक विडिओ सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है , विडिओ उज्जैन का है , सोमवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी उज्जैन से राजस्थान जा रहे थे, तभी उन्होंने आगर रोड पर खिलचीपुर के पास अहमदनगर में लगी शराब दुकान का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर किया। जहा सेकड़ो लोग खुले में सडको पर ही शराब पी रहे थे |
दरअसल एक अप्रैल से शराबबंदी लागू होने के बाद शहर की सीमा के बाहर शराब की दुकान शुरू हुई तो इन शराब दुकान पर लोगों की भीड़ लग रही है।
पटवारी ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शराबबंदी सिर्फ दिखावा है। उन्होंने दावा किया कि “यहां करीब 1500 लोग एक साथ खुलेआम शराब पी रहे हैं और यह सब सरकार की मिलीभगत से हो रहा है।”
साथ ही आरोप लगाया की उक्त दूकान को अहमद नगर से 08 किलोमीटर और दूर पिपलाई गाँव के नाम से अलाट किया था लेकिन उसे शरह की सीमा समाप्त होते ही अहमद नगर में संचालित किया जा रहा है | जबकि दारू की दुकान के बोर्ड पर पिपलाई गांव मेंसन है | उन्होंने सवाल उठाया कि जब शराबबंदी लागू है, तो फिर धार्मिक नगरी की सीमा के ठीक बाहर शराब दुकान खोलना किस नीति का हिस्सा है?
प्रदेशवासियों,
मोहन सरकार का दावा है मध्य प्रदेश के 19 धार्मिक नगरों और ग्राम पंचायतों में 01 अप्रैल 2025 से “शराबबंदी” लागू है! CM खुद भी इसका खूब प्रचार करते हैं!आज मैं आपको मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र #उज्जैन की ही ‘नशीली-दुनिया’ से रूबरू करवा रहा हूं! देखिए, कैसे धर्म… pic.twitter.com/Ua2rNazTqZ
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) April 14, 2025
शराब में भी लूट 80 का क्वाटर
पटवारी ने जो विडिओ सोशल मीडिया पर डाला है उसमे वह आरोप लगा रहे है की शराब की दुकानों पर खुलेआम लूट मची है। “80 रुपए में मिलने वाला क्वार्टर 120 रुपए में बेचा जा रहा है। दुकान पर कुछ रेट छपे हैं, लेकिन वसूली कुछ और हो रही है। “
सडको पर खुलेआम पिलाई जा रही शराब
पटवारी ने मौके पर वीडियो बनाते हुए कहा, “यहां न केवल दुकान अवैध रूप से संचालित हो रही है, बल्कि सैकड़ों लोग सड़क किनारे बैठकर खुलेआम शराब पी रहे हैं। कोई रोकने-टोकने वाला नहीं है। यह शराबबंदी नहीं, बल्कि जनता के साथ धोखा है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि जब उज्जैन जैसी धार्मिक नगरी में शराबबंदी लागू की गई है, तो फिर प्रशासन ने शराब दुकानों को शहर की सीमा से लगते इलाकों में शिफ्ट क्यों कर दिया?
