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1500 डमरू बजाकर उज्जैन तोड़ेगा New York का रिकार्ड: जबकि बरेली में हुए संघ के कार्यक्रम में बज चुके है 10008 डमरू

उज्जैन | सावन के तीसरे सोमवार पर एक साथ 1000 डमरुओं की आवाज से गूंज उठेगी महाकाल की नगरी उज्जैन, महाकाल की तीसरी सवारी में डमरू बजाने वाला विशेष दल बनाएगा वर्ल्ड रिकॉर्ड

सावन के तीसरे सोमवार पर महाकालेश्वर उज्जैन में एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी चल रही है। बता दें की इस बार सावन का तीसरा सोमवार 5 अगस्त को पड़ रहा है। इस दिन महाकाल की सवारी भी निकाली जाएगी। सावन में महाकाल की ये तीसरी सवारी होगी। महाकाल की सवारी के दौरान ही यहां एमपी का नाम एक बार फिर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किए जाने की उम्मीद है।

दरअसल सावन के तीसरे सोमवार पर महाकाल की तीसरी सवारी में इस बार उज्जैन में भक्तों के साथ ही डमरू बजाने वाला विशेष दल भी शामिल होगा। ये दल एक साथ 1000 डमरू बजाएगा। 1000 डमरुओं की आवाज से पूरी महाकाल नगरी गूंज उठेगी। इसके साथ ही भस्म आरती (Bhasm Arti) की धुन पर 15 मिनट तक ये प्रस्तुति दी जाएगी।

गिनीज बुक के अनुसार अभी न्यू यॉर्क  के नाम है रिकॉर्ड 

गिनीज बुक की ऑफिसियल साइड से मिली जानकारी के अनुसार अभी तक डमरू बजाने का ये रिकॉर्ड न्यू यॉर्क के नाम दर्ज है ,सबसे बड़े डमरू समूह में 488 लोग शामिल हैं, जिसे फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन एनवाई, एनजे, सीटी और एनई (यूएसए) द्वारा न्यूयॉर्क, न्यूयॉर्क, यूएसए में 21 अगस्त 2022 को हासिल किया गया था। एफआईए ने भारत के स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मनाने का अपना रिकॉर्ड प्रयास किया और अपने प्रयास को आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित किया।

https://www.guinnessworldrecords.com/world-records/691864-largest-damaru-ensemble

भारत की आजादी के 75 गौरवशाली वर्षों का जश्न मनाने वाले आजादी का अमृत महोत्सव का न्यूयॉर्क में भव्य जश्न मनाया गया क्योंकि फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआईए) एनवाई एनजे सीटी एनई ने मैनहट्टन में 40वीं वार्षिक भारत दिवस परेड का आयोजन किया। इस उत्सव के एक भाग के रूप में, एफआईए ने एक ही दिन में दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए और उन्हें ध्वस्त कर दिया।

साल 2022 में न्यू यॉर्क में 488 डमरू बजाए गए और इसे गिनीज बुक ने दर्ज किया

एफआईए के पास अब एक साथ सबसे अधिक संख्या में अलग-अलग झंडे फहराने और दो सिरों वाले ड्रम डमरू के सबसे बड़े समूह के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड हैं। इसके अलावा, इंडिया डे परेड भारत के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा भारतीय कार्यक्रम भी था।

संघ के कार्यक्रम में बज चुके है 10008 डमरू  बजाकर बरेली ने बनाया अनूठा कीर्तिमान, धर्म ध्वनि का दिया संदेश

उज्जैन के जिस रिकार्ड को गिनीज बुक दर्ज करने जा रहा है उसे दुसरे आयोजन से आंकलित किया जाए तो इसी साल मार्च 2024 को  उत्तर प्रदेश के  बरेली में   भगवान शिव के हाथों में विराजने वाले 10008 डमरुओं के गुंजायमान का गवाह बना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से लेकर विश्व हिंदू परिषद और सनातन धर्म के अनुयायियों ने डमरू बजाकर धर्म ध्वनि का संदेश देकर अनूठा कीर्तिमान गढ़ा।
साल 2024 में उत्तरप्रदेश के बरेली में 10008 डमरू बजाए कर एक कीर्तिमान बनाया

डमरू वादन कार्यक्रम के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक हरीश रौतेला थे।  बरेली कॉलेज में आयोजित भव्य कार्यक्रम में 10008 डमरू बजाए गए। सैकड़ो कार्यकर्ता डमरू सुनने के लिए एकत्र हुए थे। शिव तांडव स्त्रोत की ध्वनि पर डमरू वादन किया गया। इस दौरान डेलापीर चौराहे पर लगे डमरू का भी अनावरण किया गया। महाशिवरात्रि से एक दिन पूर्व 10008 से अधिक भक्तों ने  नाथ नगरी में डमरू बजाकर धर्म ध्वनि का अनूठा संदेश दिया।

रिकॉर्ड बनाने के लिए करना पढता है संस्था को अवगत

भलेही बरेली ने दस हजार डमरू बजा कर कीर्तिमान बना लिया लेकिन इस प्रकार के कीर्तिमान को रिकॉर्ड के रूप में दर्ज करने के लिए सम्बंधित रिकॉर्ड दर्ज करने वाली संस्थाओ को पहले से अवसत करना होता है और इसके लिए उनकी जरुरी दस्तावेजो की खाना पूर्ति भी करना होती है ,जिसके बाद उक्त संस्था से जुड़े सदस्य उक्त रिकॉर्ड को काउंट करने के लिए आते है , बरेली के रिकॉर्ड को गोल्डन बुक , लिम्का बुक या गिनीज बुक में दर्ज करने के लिए किसी भी संस्था में अप्लाय नहीं किया गया था इस लिए वह वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है |

अब उज्जैन इस कीर्तिमान को वर्ल्ड रिकॉर्ड के रूप में दर्ज करने जा रहा है 05 अगस्त को सावन की तीसरी सवारी के रूप में बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे और उज्जैन इसी दिन 1500 डमरू बजाकर कीर्तिमान भी रचेगा और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज करेगा |

इनका कहना .... 
उज्जैन 05 अगस्त को वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने जा रहा है बाबा महाकाल की सवारी में 1500 डमरू बजाकर ये रिकॉर्ड बनाया जाएगा , बरेली में जो डमरू बजाए गए थे उसे गिनीज बुक में दर्ज नहीं किया गया है क्योकि उन्होंने कोई अप्लाय नहीं किया था 

नीरज कुमार सिंह कलेक्टर उज्जैन 

किसी भी रिकॉर्ड को बनाने के पहले  रिकॉर्ड दर्ज करने वाली संस्था को अवगत करना होता है उनकी जरुरी खाना पूर्ति पूरी करनी होती है उसके बाद उस रिकॉर्ड को नोटिस किया जाता है |
 मनीष विश्नोई ...गोल्डन बुक रिकॉर्ड इंचार्ज एमपी 

 

 

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