भोपाल || मध्यप्रदेश के बहुचर्चित आरटीओ के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा मामले में मगंलवार को बड़ी खबर सामने आई है , सोरभ शर्मा को आज (28 जनवरी) लोकायुक्त की टीम ने कोर्ट परिसर के बाहर से हिरासत में ले लिया। हालांकि कुछ देर बाद गिरफ्तारी की खबर भी आई। बाद में लोकायुक्त डीजी जयदीप प्रसाद ने कहा कि सौरभ को हिरासत में लिया गया है। पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी कर 24 घंटे के भीतर उसे कोर्ट में पेश करेंगे। सौरभ के खिलाफ जो भी मामले दर्ज हैं उनमें पूछताछ होगी। सौरभ इस दौरान कहां-कहां रहा ये भी स्पष्ट होगा। जयदीप प्रसाद ने कहा कि एजेंसियों से सौरभ को जान का कोई खतरा नहीं होगा। उन्होंने पूछताछ की वीडियोग्राफी के सवाल से इनकार किया है।
वहीं, सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने बताया कि सौरभ कोर्ट के आदेश पर आज 11 बजे हाजिर होने वाला था। लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने उसे अवैध तरीके से अरेस्ट कर लिया। जबकि सौरभ ने सोमवार को कोर्ट में खुद उपस्थित होकर सरेंडर करने का आवेदन दिया था। पाराशर ने लोकायुक्त के खिलाफ कोर्ट में आवेदन भी लगा दिया है।
93 करोड़ की अवैध संपत्ति
भोपाल में आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के कई ठिकानों पर 9 दिन में तीन जांच एजेंसियां ED, लोकायुक्त और आयकर विभाग ने छापे मारे थे. छापेमारी के दौरान सौरभ के इन ठिकानों से 93 करोड़ से अधिक की संपत्ति मिली थी, जिसमें 52 किलो सोना और 11 करोड़ कैश भी थे.
सौरभ शर्मा के ठिकानों से 245 किलो चांदी जब्त
लोकायुक्त की पहले दिन की छापेमारी में सौरभ शर्मा के दो ठिकानों से 4 करोड़ रुपये कैश, 245 किलो चांदी समेत कई प्रॉपर्टी के दस्तावेज और नोट गिनने वाली 7 मशीनें मिली थी. जिसके बाद ED, लोकायुक्त पुलिस और इनकम टैक्स की टीमों ने भोपाल, ग्वालियर और पुणे में छापा मारा था.
RTO हवलदार सौरभ शर्मा ऐसे बना काली कमाई का धनकुबेर
RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के पिता आरके शर्मा सरकारी डॉक्टर थे. हालांकि साल 2015 में उनका निधन हो गया, जिसके बाद सौरभ को परिवहन विभाग में अनुकंपा पर नौकरी मिली, लेकिन सात साल तक नौकरी करने के बाद उसने वीआरएस ले लिया था. इसके बाद सौरभ शर्मा ने काली कमाई शुरू कर दी.
सौरभ के वकील ने कोर्ट में लगाया लोकायुक्त के खिलाफ आवेदन
सौरभ के वकील राकेश पाराशर ने कोर्ट में लोकायुक्त के खिलाफ एक आवेदन पेश किया है। इसके जरिए उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि सौरभ से की जाने वाली पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए। पूछताछ की रिकॉर्डिंग की तीन कॉपी कोर्ट में पेश करें। एक कॉपी उनके पास, दूसरी कोर्ट और तीसरी लोकायुक्त के पास होनी चाहिए। पाराशर ने दोबारा सौरभ की जान को खतरा बताया। उन्होंने बताया कि सौरभ की गिरफ्तारी कोर्ट परिसर के बाहर से की गई है।

