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अटल सरकार चली गठबंधन से , अब मोदी सरकार में NDA की भूमिका

नई दिल्ली | देश में पहली बार नहीं है की भाजपा की गठबंधन की सरकार बन रही हो , इसके पहले भी देश में भाजपा ने अटल बिहारी वाजपाई के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार बनाई है | अटल 1.0 और अटल 2.0 में भाजपा को पूर्ण बहुमत नही मिला था लेकिन फिर भी भाजपा ने सबसे बड़ी पार्टी होने के चलते सरकार बनाई थी |

अटल 1.0 कार्यकाल 

अटल 1.0 की शुरुवात 1996  में हुई थी तब भाजपा को कुल 161 सीट मिली थी और सरकार बनाने के लिए 272 सीट की जरूरत थी ऐसे में अटल सरकार बनाने के लिए गठबंधन की पार्टियों का सहयोग लिया गया अटल जी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ भी ले ली लेकिन संसद में बहुमत सिद्ध नहीं कर पाने के चलते सरकार 13 दिन में ही गिर गई | वह  13 दिन के लिए 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक ही प्रधानमंत्री के रूप में काम कर सके |

 

अटल 2.0 कार्यकाल 

19 अप्रैल 1998 को वह दोबारा प्रधानमंत्री बने. यह कार्यकाल 19 मार्च 1998 से 13 अक्टूबर 1999 तक था  अटल जी का ये कार्यकाल भी ज्यादा समय तक नहीं चला और इस बार भी महज 8 महीने में ही अटल सरकार गिर गई , दूसरी बार की सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव ल;लाया था और इस अविश्वास प्रस्ताव में अटल सरकार बहुमत सिद्ध नहीं कर सकी थी और एक वोट से सरकार गिर गई थी |

 

अटल 3.0 कार्यकाल 

1999 में देश में एक बार फिर आम चुनाव हुए और तीसरी बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला और अटल बिहारी वाजपाई तीसरी बार के प्रधानमंत्री बने इस बार उन्होंने पुरे पञ्च साल सरकार को चलाया |  तीसरी बार 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक 13 दलों के साथ गठबंधन सरकार चलाई.

2004 में बुरी तरह से हारी एनडीए

एनडीए गठबंधन के बैनर तले साल 2004 में भी वह चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने अन्य दलों के सहयोग से सरकार बना ली. इस सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बने थे. ऐसे हालात में अटल बिहारी वाजपेयी को विपक्ष में बैठना पड़ा था. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप काम करने का संकल्प लेते हुए अटल बिहारी आजीवन अविवाहित रहे. उन्होंने साल 2005 में राजनीति से सन्यास ले लिया|

 

2004 से 2014 तक कांग्रेस ने पुरे किये दो कार्यकाल 

अटल सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद कांग्रेस को गठबंधन के सहयोग से सरकार बनाने का अवसर दो बार मिला 2004 से  2009 तक पहला कार्यकाल हुआ जिसमे डॉ मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाया गया उसके बाद दूसरी बार भी कांग्रेस को सरकार बनाने का अवसर मिला 2009 से 2014 तक में दोबारा डॉ मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार चली |

 

2014 में कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो इस बार भाजपा ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई जो अपने दो कार्यकाल पूरा कर तीसरे कार्यकाल में प्रवेश कर चुकी है लेकिन तीसरी बार भाजपा बहुमत से दूर रह गई और सहयोगी दलों की आवश्यकता का अहसास हुआ इस बार भाजपा को बहुमत से दूर 240 सीट ही मिली |

2014 में भाजपा में मोदी 1.0 की शुरूवात हुई 

इस बार भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के चहरे पर चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई भाजपा को अकेले अपने दम पर 282 सीट मिली लेकिन भाजपा ने NDA गठबंधन को साथ लेकर सरकार की शुरुवात की और नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली |

साल 2019 में हुई  मोदी 2.0 किस शुरुवात

साल 2019 में हुए आम चुनाव में एक बार फिर भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला इस बार मोदी सरकार ने अटल सरकार के आंकड़े को टच करते हुए अकेले अपने दम पर 303 सीट पाई और NDA गठबंधन को मिला कर यह आंकड़ा 353 पर पहुच गया

2024 में नहीं मिला मोदी सरकार को बहुमत 

इस बार मोदी सरकार को बहुमत नहीं मिल सका लेकिन सीटो के आंकलन से बड़ी पार्टी बन कर उभर गई भाजपा इस बार  भाजपा को बहुमत से 32 सीट कम आई भाजपा को 240 सीट मिली और बहुमत के लिए 272 की जरूरत थी |

ऐसे में एक बार फिर भाजपा ने अटल सरकार की तर्ज पर NDA गठबंधन के सहयोग से तीसरी बार सरकार बना ली क्योकि भाजपा के पास 240 सीट थी और गठबंधन दलों के पास 53 इस तरह NDA का आंकड़ा 293 हो गया |

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