उज्जैन || रविवार को उज्जैन पुलिस कंट्रोल रूम पर अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के विषय पर संभागीय कार्यशाला का आयोजन किया गया |इस कार्यशाला के दोरान अधियोजन अधिकारिओ एवं विवेचको को अनुसूचित जाति एवं जनजाति अधिनियम , के नियमो की जानकारी देने एवं समाज के वंचित एवं कमजोर तबके को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया |
इसमें संभागीय विवेच्नाकर्ता , विवेचको एवं पैरविकर्ता विशेष लोक अभियोजको को शामिल हुए | एक दिवसीय संभागीय कार्यशाला का संचालन लोक अभियोजन संचालनालय भोपाल बीएल प्रजापति की अध्यक्षता में हुआ |कार्यशाला का शुभारम्भ बीएल प्रजापति ने दीप प्रज्वलित कर किया | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विशेष न्यायधीश सुनील कुमार एवं डीआइजी नवनीत भसीन थे |
कार्यशाला में विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार ने कहा सभी वर्गों को समानता के साथ समान अधिकार मिलना चाहिए। समाज के पिछड़े वर्गों में विशेषतः एससी-एसटी वर्गों को संरक्षित करने के लिए एवं एससी-एसटी एक्ट का प्रवर्तन सही एवं उचित होना चाहिए। इसमें अन्वेषण अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजकों को मामले की सही एवं सटीक विवेचना एवं पैरवी करना चाहिए। हमें यह भी देखना है कि किसी भी व्यक्ति को झूठा फंसाने के लिए इस अधिनियम का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए एवं पुलिस को एससी-एसटी एक्ट के मामलों में संवेदनशीलता के साथ कार्य करना चाहिए एवं प्रकरणों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाना चाहिए |
कार्यशाल में वक्ता के रूप में जिला अभियोजन अधिकारी नितेश कृष्णन ने समन्ता का अधिकार अस्प्रश्यता का उन्मूलन सम्बन्धी प्रावधान ,सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम 1956 के बारे में व्याख्यान दिया। उपसंचालक अभियोजन राजेंद्र खांडेगर द्वारा सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यशाला के सफल संचालन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी महेशकुमार चंद्रावत, कुलदीपसिंह भदौरिया, सहायक ग्रेड-3 गोविंदसिंह सिसोदिया, प्रधान आरक्षक शैलेंद्र पोरवाल, आरक्षक विजय गाटिया का योगदान रहा। संचालन वरिष्ठ सहायक जिला अधिकारी उमेशसिंह तोमर ने किया। आभार एदीपीओ कुलदीप सिंह ने माना।



