उज्जैन || आज गणेश चतुर्थी का पहला दिन है, आज आपको उज्जैन के ऐसे गणेश मंदिर के दर्शन कराते हैं जहां भगवान गणेश एक साथ तीन रूपों में विराजते हैं। मान्यता है कि इस मंदिर में तीन रूप में विराजित चिंतामन, इच्छामन और सिद्धि विनायक गणेश की प्रतिमा की स्थापना भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी ने की थी। देशभर के खास और प्रसिद्ध गणेश मंदिर में से एक उज्जैन से करीब 6 किलोमीटर दूर चिंतामन गणेश जी का प्रसिद्ध मंदिर है जहां भगवान श्री गणेश के तीन रूप एक साथ विराजमान हैं, जो कि चिंतामन गणेश, इच्छामन गणेश और सिद्धिविनायक के रूप में जाने जाते हैं।
ये अपने भक्तों को अनोखे स्वरूप में दर्शन देते हैं। मान्यता है कि यहां भक्त गणेश जी के दर्शन कर मंदिर के पीछे उल्टा स्वास्तिक बनाकर मनोकामना मांगते हैं। जब उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है तो वह वापस दर्शन करने आते हैं और मंदिर में सीधा स्वास्तिक बनाते हैं। कई भक्त यहां रक्षा सूत्र बांधते हैं और मनोकामना पूर्ण होने पर रक्षा सूत्र छोड़ने आते हैं।मोदक एवं मोतीचूर के लड्डू का भोग
श्रृंगार से पहले भगवान गणेश का दूध और जल से अभिषेक किया गया और विशेष रूप से मोदक एवं मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाया गया। भक्तों द्वारा विशेषकर तीन पत्ती वाली दूब चढाई जाती है। चिंतामणी गणेश चिंताओं को दूर करते हैं इच्छामणी गणेश इच्छाओं को पूर्ण करते हैं और सिद्धिविनायक रिद्धि-सिद्धि देते हैं। इसी वजह से दूर-दूर से भक्त यहां दर्शन के पहुंचते हैं।