उज्जैन में शनिवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस्कॉन मंदिर में भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना कर आरती की , रविवार को उज्जैन में जगन्नाथ रथ यात्रा निकलेगी लेकिन मुख्यमंत्री डॉ यादव को भोपाल में होने वाली पार्टी संगठन की बैठक की व्यस्तता के चलते रविवार सुबह भोपाल जाना होगा इसके चलते मुख्यमंत्री यादव नेआज ही इस्कान मंदिर पहुच पर इस्कान मंदिर के दर्शन और पूजन किया इसके बाद मंदिर परिसर में भगवन जगन्नाथ के अनुयायियों को अपना उद्बोधन भी दिया ,
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि श्री कृष्णा पाथेय योजना के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं के सभी स्थलों को तीर्थ के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा क उज्जैन में 2007 से शुरू भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा की परंपरा जारी हैं। इस बार भगवान जगन्नाथ , बलदाऊ और बहन सुभद्रा के अलग-अलग तीन रथ निकलने जा रहे हैं। जो बड़े ही हर्ष और आनंद का विषय है। इसी प्रकार प्रदेश के अलग-अलग 17 स्थानों पर भी जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि उज्जैन के इंद्रध्युमन महाराराज ने ही पुरी , उड़ीसा में जाकर जगन्नाथ धाम विकसित किया और उज्जैन से पूरी तक की सांस्कृतिक संबंध की परंपरा भी स्थापित की थी। भारत की एकता को अटूट बनाने में यह ऐतिहासिक प्रसंग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जब भगवान श्री कृष्णा 5000 वर्ष पूर्व अपने भाई बलदाऊ के साथ आए थे तब वे सांदीपनी आश्रम पैदल ही गए थे। भगवान श्री कृष्ण की उज्जैन सहित प्रदेश के अन्य स्थानों से कई लीलाएं जुड़ी है। इसलिए मध्य प्रदेश सरकार ने यहां निर्णय लिया है कि प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्री कृष्ण के चरण
पथ पड़े हैं उन स्थानों को तीर्थ के रूप में विकसित कियाजाएगा

