इंदौर /उज्जैन || मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर और धार्मिक राजधानी उज्जैन को विकास की गति पर लेकर जाने का काम प्रदेश सरकार करने में लगी हुई है , प्रदेश सरकार इन दोनों शहरो को हाई टेक करने का पूरा प्रयास कर रही है , उज्जैन में रेलवे स्टेशन से महाकाल मंदिर तक रोप वे का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया जिससे देश भर से रेल मार्ग से आने वाले श्रधालुओ को रोप वे के माध्यम से महज 05 मिनिट में महाकाल मंदिर पहुँच सकेंगे |
इसी तरत बढ़ते ट्राफिक को देखते हुए इंदौर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर करने और लोगों को जाम से मुक्ति दिलाने के लिए केबल कार चलाने की तैयारी जारी है। शहर में मेट्रो ट्रेन के बाद अब केबल कार की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट सौंप दी गई है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए केबल कार चलाना नई पहल है। फिलहाल प्रदेश में देवास, सलकनपुर मैहर सहित कई धार्मिक स्थलों पर रोप-वे के नाम से केबल कारों का संचालन हो रहा है।
आर्थिक राजधानी इंदौर रोप वे की तरह ही केबल कार चलने से लोगों को जाम से मुक्ति मिलने के साथ भीड़भाड़ वाले इलाकों में आना-जाना आसान होगा। केबल कार जमीन से लगभग 100 मीटर ऊपर तारों पर चलती है। आईडीए ने इसे चलाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्ति कर प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट तैयार करवा ली है।
केबल कार चलाने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) काम कर रहा है। इसके लिए पकास कंपनी को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया है। केबल कार के लिए किए गए प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के जरिए एक ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। जिसके तहत करीब 60 किलोमीटर के एरिया में केबल कार चलेगी। जिसमें 41 स्टेशन रहेंगे। अलग-अलग कलर की 7 रूट लाइन और 10 टर्मिनल होंगे। फिलहाल आईडीए इस सर्वे रिपोर्ट को ब्लू प्रिंट के तौर पर मान रहा है। अभी एक और फाइनल सर्वे होगा और रूट पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।
बढ़ते जाम और यातायात के चलते पब्लिक ट्रांसपोर्ट में नया ऑप्शन
शहर में ट्रैफिक समस्या लगातार बढ़ रही है। इससे निपटने के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं। मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारियां जोरो पर हैं। केबल कार से लोगों को आसमान में घूमने का मौका मिलेगा साथ ही ट्रैफिक की समस्या से भी राहत मिलेगी।
इंदौर का दिन राजबाड़ा को सेंटर में रख सर्वे
केबल कार के लिए रूट की प्रारंभिक फिजिबिलिटी रिपोर्ट देखने के बाद अफसरों ने तय किया है कि 60 किमी के 7 अलग-अलग रूट में से 2 रूट का फिजिबिलिटी सर्वे जल्द शुरू होगा। ये दोनों रूट मध्य शहर से गुजरेंगे। सर्वे राजबाड़ा को सेंटर में रखकर किया है, क्योंकि यह सबसे सघन इलाका है। यहां से सुपर कॉरिडोर, बायपास, विजय नगर, धार रोड और राजेंद्र नगर एबी रोड की ओर संभावनाएं तलाशी गई हैं। सबसे छोटा रूट 5.5 किमी और सबसे लंबा रूट 17 किमी का तैयार किया है।
दोनों रूट में चंदन नगर, गंगवाल, मालगंज, जवाहर मार्ग शामिल
रूट नंबर 1 ग्रीन लाइन और रूट नंबर 6 ग्रे लाइन पर सर्वे का विचार किया गया। यह दोनों ही रूट शहर के सघन इलाकों को क्रॉस करते हैं। रूट नंबर 1 चंदन नगर से शुरू होकर लाबरिया भेरू, गंगवाल, मालगंज, जवाहर मार्ग होकर शिवाजी वाटिका तक जाएगा। इसी तरह रूट नंबर 6 रेलवे स्टेशन से मालवा मिल, पाटनीपुरा, भमोरी होते हुए निरंजनपुर तक जाएगा।
IDA की प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट के अनुसार
▪️ग्रीन लाइन – 1 और यलो लाइन – 7 इंदौर के सीबीडी विस्तार को जोड़ने वाली प्रमुख ईस्ट वेस्ट ट्रंक को जोड़ती हैं। यह भी पाया गया है कि इस रूट पर पीक ऑवर्स में यातायात की मात्रा क्षमता से अधिक होती है।
▪️ ब्लू लाइन – 2 और ऑरेंज लाइन – 3 को सुपर कॉरिडोर और एमजी रोड पर प्रस्तावित मेट्रो नेटवर्क के लिए फीडर सेवा के तौर पर जोड़ने का प्रस्ताव है।
▪️इंदौर का दक्षिणी क्षेत्र तेजी से डेवलप हो रहा है इसलिए रेड लाइन 5 और ग्रे लाइन 6 की कल्पना की गई है। ताकि लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिल सके।


