रायपुर || देश में हर तकनीक सुविधा के लिए बनाई जाती है लेकिन उस तकनीक का अगर दुरूपयोग होने लगे तो आपको सावधान हो जाना चाहिए छतीसगढ़ राज्य में तकनीक के दुरुपयोग के चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। रायपुर के डीडीनगर की एक छात्रा का पीछा करने के लिए उसी की क्लास के छात्र ने उसकी मोपेड में जीपीएस ट्रैकर लगा दिया। छात्रा जहां भी जाती वह उसका लोकेशन ट्रैक कर पहुंच जाता।
छात्रा भी हैरान थी कि उसे कैसे पता चल जाता है कि वह कहां जा रही है? जब वह अपना मोपेड बनवाने मैकेनिक के पास गई तो उसमें लगाए गए जीपीएस का पता चला। मैकेनिक ने जांच करने के लिए मोपेड के पार्ट्स खोले उसमें जीपीएस ट्रैकर लगा था। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार किया। उस पर छेड़छाड़ और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।
ऑटो पार्ट्स की दुकान या ऑनलाइन भी उपलब्ध GPS
इस तरह के ट्रैकर या तो ऑटो पार्ट्स की दुकान पर मिल जाते है या फिर ऑनलाइन आसानी मिल रहे हैं। इनकी कीमत भी महज एक हजार रुपये से पांच हजार रुपये तक है। ऐसा कई लोगों के साथ हो चुका है। लोगों की निगरानी के लिए जीपीएस और ट्रैकर बेहद आसानी से मिल रहे हैं।

यह एक छोटा सा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस होता है। उसे किसी भी गाड़ी में लगाकर मोबाइल में उसका सॉफ्टवेयर या एप डाउनलोड करना होता। उससे गाड़ी जहां भी जाती है, मैप पर दिखाई देने लगता है।
पत्नी ने लगाया जीपीएस
कोतवाली इलाके में रहने वाली एक महिला ने अपने पति को ट्रैक करने उनकी गाड़ी में जीपीएस लगा दिया। पति बिना बताए कभी कोरबा, रायगढ़ या जांजगीर चले जाते थे। पत्नी ट्रैकर से देखकर उन्हें फोन करती थी। कई दिनों तक हैरान रहने के बाद पति ने इसकी पुलिस में शिकायत की थी।
लड़की की मोपेड में भी डिवाइस
रायपुर के एक युवक ने अपनी प्रेमिका को ट्रैक करने के लिए उसके मोपेड में जीपीएस लगाया था। लड़की को इसकी जानकारी नहीं थी। अगर वह युवक को बिना बताए कहीं भी जाती थी, तो युवक फोन करता था। वह खुद भी वहां पहुंच जाता था।
युवती के फोन में डिवाइस
सिविल लाइन थाने में युवती ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उसकी लोकेशनल आसानी से पता चल जा रही है। पुलिस ने जब मोबाइल की जांच की तो पता चला की डिवाइस लगा दी गई है। जिसके बाद पीड़िता ने रिपोर्ट दर्ज करवाई। छेड़छाड़ और आइटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

