नागदा से राकेश शर्मा।
नागदा में एक उद्योग ऐसा भी है जो कि कहने को बहुत छोटा जहा पर 150 से 200 श्रमिक कार्यरत है यह कहानी इस उद्योग के यूनिट हेड राजीव पाठक की मु जुबानी कहानी है जो जनप्रतिनिधियों सहित मीडिया ,समाजसेवी संगठनों के सामने अपना रोना गाते है जबकि कुछ कदम पर ही बहु राष्ट्रीय लेंनसेक्स उद्योग भी है लेकिन सी एस आर फंड से उद्योग से लगे क्षेत्र में आमजन की गुहार को समय समय पर सुन कर सहयोग करता है।
लेकिन यह गुलब्राण्डसन उद्योग कहने ओर दिखने में छोटा जरूर है लेकिन इसके अंदर बनने वाला केमिकल एलमुनिय प्लेटों को गलाकर क्लोराइड अन्य केमिकल का उपयोग कर खतरनाक केमिकल बनाकर सप्लाई करते है।बारिश के मौसम में इस उद्योग का प्लांट बारूद के ढेर के समान जो कि पानी लगने से बहुत बड़ा विस्फोट हो सकता है इस उद्योग के यूनिट हेड पाठक इतने लापावाह है कि सिर्फ आवागमन करते है और सबसे अपनी वाह वाई सुनना पसंद करते है सामने उनकी बातों का जवाब देने वाला कतेह नही पसन्द इन की तारीफ कितनी भी कीजिए मन को भाए लेकिन इनकी गलतीं को उजागर करना तो दूर सिर्फ कह दे तो ही नाराज होकर चुप्पी छा जाते है ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह साहब दिखावे के लिए इतनी बड़ी पोस्ट पर बैठ कर वही छोटी से हरकत की एक ही रोना जबकि बहुत कुछ मुनाफा कमाने लगे हुए उद्योग के संचालक को गुमराह कर रखा है कि यहां बहुत मुश्किल से उद्योग का संचालन हो रहा है जबकि सच यह यूनिट हेड राजीव पाठक पोस्ट पर बैठकर बड़े लापावाह किस्म में है समस्याओं का सामना ना कर मुँह छुपाने में ज्यादा आने आपको समानित समझते है।
गुलब्राण्डसन उद्योग यूनिट हेड की बड़ी लापरवाही उजागर
आप पास ग्रेसिम उद्योग, केमिकल डिवीजन उद्योग,लेंसेक्स उद्योग सभी जगह पर सुविधाओं की बात करे तो समय समय पर क्षेत्रीय सहयोग करते सी एस आर फंड से और श्रमिको के लिए भी सुविधाओं के लिए त्तपर रहते लेकिन इस उद्योग के यूनिट हेड की लापरवाही जैसे श्रमिको के लिए सायकल स्टैंड नही जिसके कारण श्रमिको रिस्क लेकर बाहर अपने वाहन ओर सायकल रखना पड़ती है जिसके कारण आवागमन में आमजन को बड़ी परेशानी होती है जबकि यह रास्ता आमरास्ता है यूनिट हेड सहित उनके खास स्टाफ की वाहन सुविधा उद्योग के अंदर दूसरी लापरवाही यह कि उद्योग से लगे शासकीय नाला जिसमे इतना कूड़ा कचरा ,केमिकल वाला काला पानी जबकि दूसरे उद्योग का कहना कि हमारे उद्योग में etp प्लांट लगा जिसके कारण 0 शून्य डिस्चार्ज है।तो फिर इस उद्योग के नजदीकी नाले में इतना खतनाक केमिकल वाला काला पानी ,कूड़ा करकट कहा से आ रहा जिसकी आज तक उद्योग के अधिकारियों ने सूद ही नही ली ।
दूसरा यह कि इस उद्योग में स्टाफ कर्मी जो यूनिट हेड के सानिध्य में उनके दस्तावेजों में कमी पेशी है जिसकी सूचना तो ठीक उद्योग के संचालक के पास हवा तक नही सब यहां पर अंधेरी नगरी के चौपट राजा बैठे हुए जबकि श्रमिको की नियुक्ति होती है तो आज तक स्टाफ कर्मी का पुलिस वेरिफिकेशन प्रमाण पत्र क्यो नही लिया गया बल्कि कुछ स्टाफ के मुख्य लोग जो यूनिट हेड सहित बाहरिय जनप्रतिनिधियों सहित प्रशानिक अधिकारी से शुभलाभः कर रास्ते बनाने वाले व्यक्ति के एजुकेशन दस्तावेजों की कमी को भी क्यो छुपाए बैठे हुए यूनिट हेड या फिर जानकर अनजान बने बैठे हुए। देखना यह होगा कि आआख़िर कब यूनिट हेड कुंभकर्ण की नींद से जागकर उद्योग की तरफ ईमानदारी से कार्यभार संभालते है।जनसंवाद समय आने पर ओर भी कुछ पोल खोल कर खुलासा किया जाएगा।
