नागदा जंक्शन। वर्तमान में केंद्र सरकार द्वारा प्रतिवर्ष चार माह के अंतराल में किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि के रुप में 6 हजार रुपए और राज्य शासन द्वारा के दो किश्तों में प्रतिवर्ष चार हजार रुपए प्रदान किऐ जा रहे है वास्तवितक पात्र व्यक्ति को लाभ प्राप्त हो उसके लिए शासन द्वारा भू अभिलेखों का आधार कार्ड एवं समग्र परिवार आईडी से लिकिंग का कार्य किया जा रहा है इस कार्य में राजस्व प्रशासन पिछले दो माह से लगातार लगा हुआ है
जागरुक किसानों को छोडक़र अन्य किसानों द्वारा उक्त कार्य में कोई रुचि नहीं ली जाने के कारण उपखंड नागदा की नागदा और उन्हेल तहसील में 26 हजार 835 में से 12 हजार 718 फार्मर रजिस्ट्री हुई है शेष किसानों को भविष्य में विपरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। फार्मर रजिस्ट्री आने वाले समय में भू अभिलेखों संबंधी कार्याे में एक महत्वपूर्ण दस्तावेज होने वाला है
जिसकी सहायता से शासन विभिन्न विभागों से संचालित होने वाली योजनाओं में किसानों को सुविधा देना चाहता है वर्तमान में अलग अलग विभागों में विभिन्न कार्यो के लिए किसान से दस्तावेज मांगे जाते है फामर्र रजिस्ट्री में पंजीयन के बाद इन कार्यो में एक रुपता आएगी और किसानों की व्यर्थ दौड़भाग कम होगी साथ ही उन्हे आर्थिक रुप से भी सुविधा होगी।
शासन कि ओर से फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य करने की दशा में वर्तमानर में प्रचलित पीएम, सीएम किसानर सम्मान निधि योजना से भी पंजीयन नहीं कराने वाले कृषक वंचित हो सकते है। कृषक फामर्र रजिस्ट्री के लिए आधार कार्ड, समग्र आईडी एवं खाता खसरा की नकल के साथ रिनकटतम सीएससी, एमपी ऑनलाईन सेंटर से करवा सकते है वहीं इस कार्य के लिए नियुक्त सर्वेयर या हल्का पटवारी से सम्पर्क कर फार्मर रजिस्ट्री व आधार आरओआर लिकिंग का कार्य पूर्ण करवा सकते है।
इनका कहना है..
जागरुकता के अभाव में फार्मर रजिस्ट्री कम हो रही है ऐसे में भविष्य में शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित हो सकते है किसान प्राथमिकता से फामर्र रजिस्ट्री करवाए ताकि असुविधा नहीं हो।
मुकेश सोनी, तहसीलदार नागदा




