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मास्टर प्लान को लेकर सरकार का यूटर्न ,फिर बदला जाएगा प्लान

उज्जैन |मध्यप्रदेश सरकार के गले की हड्डी बना सिंहस्थ मास्टर प्लान जिसको लेकर रोज मीडिया और राजनीतिक दलों को सरकार पर निशाना साधने का अवसर मिल रहा था , जबकि चुनावी साल में शिवराज सरकार किसी भी प्रकार की नकारात्मकता होने से बचना चाहती है ,ऐसे में   सिंहस्थ क्षेत्र की जमीनों को मुक्त कर कृषि से आवासीय किए जाने के मामले में अब फिर से जमीनों को कृषि भूमि किया जाएगा। इसमें करीब 148.679 हेक्टेयर जमीन को सिंहस्थ के उपयोग में लिया जा सकेगा। इसमें उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, उनके परिवार के सदस्यों सहित सहयोगियों की जमीन भी शामिल हैं।

सिंहस्थ के लिए रिजर्व जमीन में से मंत्री डॉ. यादव और संबंधियों की जमीन को बाहर किए जाने का मामला उजागर होने के बाद शहर नेता प्रतिपक्ष रवि राय सहित भोपाल में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में हुई बैठक में पूर्व मंत्री व उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन व पूर्व सांसद चिंतामणी मालवीय ने मास्टर प्लान में जमीनों को सिंहस्थ क्षेत्र से मुक्त कर कृषि से आवासीय किए जाने पर आपत्ति ली थी। इसमें उन्होंने सीएम से कहा था कि यह सब किए जाने से जनता में अच्छा मैसेज नहीं जाएगा। इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी मास्टर प्लान में संशोधन के साफ संकेत दे दिए थे।

जमीन का उपयोग कृषि ही रहेगा

गुरुवार को उज्जैन विकास योजना- 2035 में ग्राम सावराखेड़ी व कस्बा उज्जैन में सिंहस्थ-2016 के लिए अधिसूचित सिंहस्थ क्षेत्र के अंतर्गत सैटेलाइट टाउन के लिए आरक्षित 148.679 हेक्टेयर भूमि का उपयोग उज्जैन विकास योजना-2021 में निर्दिष्ट भूमि उपयोग के अनुसार रखा जाएगा। यानी जमीन का उपयोग कृषि ही रहेगा और उसका उपयोग सिंहस्थ- 2028 में किया जाएगा। इसमें अस्थायी पार्किंग या सिंहस्थ के लिए रिजर्व रखी जाएगी। इसके लिए भूमि उपयोग उपांतरण की कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री ने इसे लेकर जरूरी आदेश आयुक्त-सह- संचालक टीएंडसीपी नगर तथा ग्राम निवेश को दिए हैं।

मंत्री यादव और सहयोगियों को बड़ा झटका 

आखिरकार सिंहस्थ मास्टर प्लान को लेकर खड़े हो रहे सवालो पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने विराम लगा दिया है , इससे सिंहस्थ के लिए आरक्षित जमीन के आवासीय होने वाले सवाल पर अब विराम लग गया गया है , गुरुवार को मुख्यमंत्री के निर्देश पर मास्टर प्लान की विवादित जमीन को सिंहस्थ के लिए ही रखने के निदेश सामने आए है जिससे अब जनता और विपक्ष में बैठी कांग्रेस तो अपनी जीत से खुश है लेकिन मंत्री यादव और उनके सहयोगियों के माथे पर संकट के बादल मंडरा गए है |

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