मप्र पुलिस जल्द ही 52 डाॅग खरीदने जा रही है। इसमें 14 जर्मन शैफर्ड, 8 डाबरमैन, 22 लेब्रोडोर और 8 बेल्जियम मेलोनाइज नस्ल के डाॅग शामिल हैं। यह पहली बार होगा जब इन डाॅग को शराब ट्रैक करने के लिए ‘एल्कोहल ट्रेनिंग’ दी जाएगी। अब तक डाॅग स्नैफर, ट्रैकर, नारकोटिक्स और आपदा में फंसे लोगों का पता करते थे। इन डॉग्स की ट्रेनिंग भोपाल के पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में होगी।
साथ में उनके हेंडलर को भी ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग 9 माह की होती है। इन डॉग की खरीदी लगभग 22 लाख रुपए में होगी। खरीदते समय इनकी उम्र 4 माह तक की होती है। उन ही डाॅग पप्स की खदीरी की जाती है, जिसकी पेरेंट्स हिस्ट्री होती है। इन नस्ल के डाॅग ब्रिडिंग हैदराबाद, साउथ और कोलकाता में होती है, यहीं से इनकी खरीदी होती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मन की बात के बाद प्रदेश में देसी नस्ल के डाॅग की खरीदी की गई थी। लेकिन यह डाॅग ऑपरेशन में सफल नहीं हो सके। इन डाॅग की ऊंचाई अधिक होने के कारण समस्या हो रही थी। देसी डाॅग स्नैफर में काम नहीं कर पा रहे थे।
स्नैफर डाॅग को जमीन पर सुंघते हुए काफी लंबा चलना पड़ता है। देसी डाॅग की ऊंचाई अधिक होने से उसे सुंघते हुए चलने में दिक्कत होती थी। देसी डाॅग आवाज से घबरा जाता था, जिससे उसका ध्यान घटनास्थल से भटक जाता था। विदेशी नस्ल के डाॅग में यह दिक्कत नहीं है।
