घट्टिया- एक तरफ प्रदेश की शिवराजसिंह सरकार प्रदेश की जनता के लिए अनेकों प्रकार की योजनाओं को लागू कर रही है, साथ ही कई योजनाओं पर अमल भी किया जा रहा है। वहीं कई योजनाओं में जिम्मेदार अधिकारी और ठेकेदारों द्वारा मिलकर योजनाओं को पलीता भी लगाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत नर्मदा जल जल योजना के कार्यों में भारी लेतलाली का खामियाजा आम जनता को भुगतने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

जानकारी अनुसार बता दें कि घट्टिया तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बिछड़ौद में शासन की नल- जल योजना के लगभग 1 करोड़ 35 लाख रुपए की लागत से चल रहे कार्यों को छ: माह में पूरा करने की समयावधि शासन ने तय की थी। लेकिन उक्त योजना के ठेकेदार और इंजीनियर की लापरवाही के कारण उक्त योजना के कार्यों को अब तक 2 वर्ष बीत गए हैं, लेकिन ग्रामीणों के कंठ तक अब भी नर्मदा नल- जल योजना के पानी की बूंद भी नहीं पहुंची है। ठेकेदार और इंजीनियर की बड़ी लापरवाही के कारण अब तक भी योजना का कार्य पूरा नहीं हुआ है। जिससे ग्रामीणों को 1 से 2 किलोमीटर दूर जाकर पीने का पानी लाने के लिए भी मजबूर होना पड़ रहा है। शनिवार को ग्राम पंचायत सहित ग्रामीणों का गुस्सा उक्त योजना को लेकर फूट पड़ा। जिसमें ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत सरपंच प्रतिनिधि मुकेश चांदना के साथ पहूंचकर उज्जैन कलेक्टर को शिकायत की। जिस पर कलेक्टर ने भी मामले को गंभीरता से लिया, जिसके बाद ही कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम घट्टिया संजीव साहू, तहसीलदार देवकुंवर सोलंकी, जनपद पंचायत की सीईओ विष्णुकांता गुप्ता सहित अन्य पीएचई विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर ग्राम बिछड़ौद पहुंचे। जहां नल- जल योजना की पुरानी और नवनिर्मित टंकियों, खनन बोरिंगों और योजना की बिछाई गई पाइप लाइन का निरीक्षण करते हुए जल्द कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए हैं। इस मौके पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पीएचई विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आदि भी मौजूद रहे।
