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पीएम मोदी किसान सम्मेलन में होंगे शामिल: मोहन कैबिनेट ने इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को मंजूरी दी

भोपाल || मोहन कैबिनेट ने आज राजधानी में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही प्रदेश के नगरीय निकायों में गीता भवन बनाने को भी स्वीकृति दी गई है। मोहन सरकार ने केंद्र सरकार के नियमों के आधार पर प्रदेश के सिविल सेवा के अधिकारियों कर्मचारियों के लिए अवकाश के नियम लागू किए हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कैबिनेट में बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्दी ही भोपाल में किसान सम्मेलन को संबोधित करने आएंगे।

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि कैबिनेट ने भोपाल जिले के बैरसिया तहसील में इलेक्ट्रानिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर 2.0 को मंजूरी दे दी है। बांदीखेड़ी में बनाए जाने वाले इस क्लस्टर के जरिए प्रदेश के इंजीनियरिंग करने वाले युवाओं को गाइडेंस भी देगी। विज्ञान और टेक्नालॉजी विभाग इसका नोडल विभाग है।

यह क्लस्टर रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए काम करेगा। इसमें 371 करोड़ के निवेश की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। इसमें 225 करोड़ राज्य सरकार खर्च करेगी और और 146 करोड़ भारत सरकार देगी। रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में यह काम करेगा। इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) निर्माण की संभावनाओं के द्वार खुलेंगे, साथ ही 10 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

 

पांच संभागों में बन रहे आयुर्वेद महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर

विजयवर्गीय ने कहा कि बीजेपी के संकल्प पत्र में कहा गया था कि हर संभाग में आयुष चिकित्सालय और वेलनेस सेंटर बनाया जाएगा। इसी तारतम्य में पांच शहरों सागर, शहडोल, नर्मदापुरम और बालाघाट में आयुर्वेद महाविद्यालय और वेलनेस सेंटर बनाने के लिए आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है। 350 करोड़ की अनुमानित स्वीकृति इसके लिए दी गई है। यहां आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का काम किया जाएगा। एक महाविद्यालय की निर्माण लागत 70 करोड़ होगी। इन सेंटर्स में रुककर लोग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ ले सकेंगे।

भोपाल के जीएमसी में इंडो क्राइनोलॉजी रिसर्च सेंटर बनेगा। कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी है। इसके बाद अब यहां इंडो क्राइनोलॉजी के एक्सपर्ट आएंगे। वर्तमान में एमबीबीएस की 250 सीट अभी उपलब्ध है। भारत सरकार की योजना के अंतर्गत अभी इसमें 134 सीटों के लिए मंजूरी दी गई है। इसके लिए 20 पद मंजूर हुए हैं। सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेसिडेंट, जूनियर रेसिडेंट, सीनियर नर्सिंग आफिसर, प्राध्यापक, नर्सिंग आफिसर के पद मंजूर हुए हैं। इसकी एक करोड़ की लागत आएगी। थायराइड, शुगर जैसे रोगों के लिए ये जरूरी है और रिसर्च के बाद इसके जरिए सही इलाज देने में आसानी होगी।

 

 

 

 

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