उज्जैन | मध्यप्रदेश सरकार ने हाल ही में स्कुल पॉलिसी से बच्चो के अभिभावकों पर आने वाले अधिक भार को ध्यान में रखते हुए , शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को स्कुल सहित पब्लिशर्स पर जाँच के बाद कार्यवाई किये जाने के निर्देश दिए गए थे |
इसी को लेकर हाल ही में जिला प्रशासन की टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी के साथ मिल कर शहर के अलग अलग पब्लिशर्स पर जाकर कार्रवाही के लिए जाँच की थी और इसके बाद स्कुलो में भी जाकर जाँच की थी और तय समय में जवाब माँगा था |
मामले मे प्रशासन कार्रवाही के साथ नियम लागू करने की तेयारी में
निजी स्कूलों की मनमानी के मामले में अभिभावकों की शिकायतों के बाद प्रशासन वर्षभर की गाइड लाइन तय करने जा रहा है व उसके अनुसार स्कूलों का संचालन होगा। अगर इस बीच शिकायत मिली तो मान्यता पर संकट आ सकता है। वहीं पाठ्यक्रम व फीस बढ़ाने को लेकर जो मनमानी की जा रही है, उसके नोटिस के जवाब भी निजी स्कूलों से आ चुके हैं, जिसमें 15 अप्रैल को कार्रवाई तय होगी।
जिले के 19 निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी किए थे, जिसमें ये पूछा गया था कि कितने साल से फीस बढ़ाई अथवा नहीं बढ़ाई, पाठ्यक्रम कौनसा चला रहे हैं व पिछले साल उक्त कक्षा में कौन-कौन सी किताबें थीं, इस साल भी वही है या बदलाव किया है। अगर बदलाव किया है तो किसके आदेश से ये सब कर रहे हैं।
इसी तरह के नोटिस 19 स्कूलों को भेजकर तीन दिन में उनसे जवाब मांगे गए थे। शिक्षा विभाग को नोटिस के जवाब मिल चुके हैं लेकिन कार्रवाई क्या की जाना है, ये निर्णय कलेक्टर नीरजकुमार सिंह द्वारा गठित जिला स्तरीय समिति लेगी। 15 अप्रैल को कलेक्टर की मौजूदगी में समिति उक्त संदर्भ में बात करेगी व किस तरह की कार्रवाई की जाए, ये तय होगा। साथ ही निजी स्कूल शासन के अनुसार ही स्कूल संचालन करें, ये भी मापदंड तय किए जाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने बताया कि इस संदर्भ में समिति निर्णय लेगी।
प्रशासन की कारवाही से बचे कुच पब्लिशर्स
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद उज्जैन जिला प्रशासन ने दिखावे मात्र की कार्रवाही कर पल्ला झाड़ने का काम किया , शहर में सीएम के आदेश पर कार्रवाही हुई इस बात का सन्देश देने के लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग ने फ्रीगंज स्थित एमपी पब्लिशर्स और ज्ञान गंगा पब्लिश्र्श पर पंचनामा बनाने का काम किया जबकि इसी के सामने स्थित एमपी बुक नामक पब्लिशर्स प्रशासन की नजरो से बच गया , जबकि शहर के अधिकांश मिशनरी स्कुलो का सेटअप एमपी बुक से है |
पोद्दार स्कुल में खुद की कोर्स पॉलिसी , निजी एप से बेचता है कोर्स
स्कुल के अभिभावकों ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया की देवास रोड स्थित एक निजी स्कुल ने तो स्कुल में पढने वाले बच्चो के लिए खुद की पॉलिसी बना रखी है , यह पढने वाले बच्चो को स्कुल के एप के माध्यम से ही कोर्स खरीदना होता है |हलाकि इस मामले की पुष्टि करने के करने के लिए हमने कई बार स्कुल के जिम्मेदारो से संपर्क करना चाहा लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका |
स्कुल और पब्लिशर्स की साठ गाठ को ख़त्म करने के लिए लागू होगी गाइड लाइन
ये गाइड लाइन तय होगी
{ एक बार तय पाठ्यक्रम तीन साल तक नहीं बदल सकेंगे। बहुत ज्यादा जरूरी हुआ तो एक-दो किताब घट-बढ़ सकेगी, इससे ज्यादा कुछ नहीं होगा। { कक्षा पहली से 12वीं के लिए भी फीस बार-बार नहीं बढ़ाएंगे। एक बार तय होगा कि साल 2024 में कक्षा 1 से 12वीं तक की फीस ये निर्धारित है व अगले साल 2025 में उतनी ही रहेगी अथवा इतने प्रतिशत बढ़ेगी। ये अभिभावकों को स्पष्ट करना होगा। { पाठ्यक्रम व यूनिफार्म के लिए कोई एक निर्धारित दुकान नहीं रहेगी। शहर में अन्य पब्लिशर्स के यहां भी संबंधित कोर्स मिले, ऐसी किताबों का चयन कोर्स में रखना होगा।
