Jan Samvad Express
Breaking News
Breaking Newsअंतरराष्ट्रीयइंदौरइंदौर संभागउज्जैनउज्जैन संभागमध्यप्रदेशराजनीतिराज्यराष्ट्रीय

7 हजार वोट से मोहन केबिनेट के मंत्री की हार: कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए मंत्री बने और हार गए चुनाव

भोपाल ||  श्योपुर जिले के  विजयपुर विधानसभा में हुए उपचुनाव में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है , प्रदेश में दो विधानसभा में उपचुनाव  के परिणाम सामने आए है ,  बुधनी जहा पूर्व मुख्यमंत्री  शिवराज सिंह के लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद यह विधानसभा खाली हो गई थी जबकि दूसरी श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा सीट जहा से छ बार के कांग्रेस के विधायक राम निवास रावत के द्वारा विधायक रहते हुए  कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने के बाद से यह सीट खाली हो गई थी |

23 नवम्बर को दोनों ही विधानसभा के परिणाम आ गए बुधनी में भाजपा ने अपने प्रत्याशी को जीत हासिल करवाई जबकि विजयपुर में भाजपा को हार का मुंह देखना  पड़ा , प्रदेश की मोहन सरकार के  वन मंत्री राम निवास रावत 07 हजार वोट से चुनाव हार गए ,  इस सीट से भाजपा ने रावत को  प्रत्याशी  बनाया था  वही  कांग्रेस ने मुकेश मल्होत्रा को  मैदान में उतारा था |

कांग्रेस की विधायकी छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे रावत

आपको बता दे इसी विजयपुर  सीट से कांग्रेस के टिकट पर 18 हजार वोटों से जीतने वाले रामनिवास रावत भाजपा के टिकट पर 7 हजार 364 वोटों से चुनाव हार गए। उनकी इस हार के पीछे सबसे बड़ी वजह आदिवासी वोटर्स रहे हैं। दरअसल, चुनाव में आदिवासी वोटर्स ही हार जीत का फैसला करते आए हैं।

2023 के चुनाव में रावत इन्हीं वोटर्स के समर्थन से ही 6 वीं बार विधायक बने थे। इस बार वोटिंग से एक दिन पहले आदिवासियों के चार गांव, धनाचया, पातालगढ़, सीखेड़ा और झरेरा में हिंसा, फायरिंग और मारपीट हुई थी। इसका असर चुनाव नतीजों पर साफ दिखाई दिया है।

इन चारों गांवों में बीजेपी की करारी हार हुई। बीजेपी को यहां 366 वोट मिले, जबकि कांग्रेस ने इन गांवों से 1083 वोटों की बढ़त हासिल की। जानकारों के मुताबिक यहां हुई हिंसा का असर आदिवासियों के बाकी गांवों पर भी हुआ।

सिंधिया नहीं गए प्रचार करने , तोमर ने संभाली थी कमान

विजयपुर उपचुनाव की कमान विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने संभाली थी। ग्वालियर-चंबल की राजनीति का चेहरा कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया इस उपचुनाव में एक बार भी प्रचार के लिए नहीं पहुंचे। जबकि, स्टार प्रचारकों की लिस्ट में 6वें नंबर पर उनका नाम शामिल था।

बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि रावत जब बीजेपी में शामिल हो रहे तब सिंधिया से इस बारे में कोई सलाह मशविरा नहीं किया था, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने रावत की बीजेपी में एंट्री कराई थी। और पूर्व में रावत सिंधिया समर्थंक माने जाते थे जिस दोरान सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था तब रावत ने सिंधिया का साथ नहीं दिया था और कांग्रेस की टिकिट पर चुनाव लड़ विधायक बन गए थे |

लेकिन विधायक रहते हुए ऐसा क्या हुआ की रावत को अच्छी खासी चल रही विधायकी छोड़ भाजपा में शामिल होना पड़ा और चंद महीने के मंत्री बनने के बाद विधायकी से भी हाथ धो लिए | कहा जा सकता है की घर के रहे ना घाट के

Related posts

भौरासा नगर पंचायत अध्यक्ष संजय जोशी का निष्कासन हुआ समाप्त,सांसद व जिला अध्यक्ष ने दुपट्टा पहनाया

jansamvadexpress

पुतिन ने की पीएम मोदी की तारीफ़ , पुतिन बोले- मोदी को डराया या धमकाया नहीं जा सकता

jansamvadexpress

पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पुलिस लाइन में सूबेदार I.P.S ने चलवाई निगम की JCB

jansamvadexpress

Leave a Comment

Please enter an Access Token