इंदौर || इंदौर शहर का लालबाग हर रविवार को अनोखी कक्षा का गवाह बनता है। यहां एक पेड़ के नीचे 60 से ज्यादा बच्चे जुटते हैं और उनकी पाठशाला सजाते हैं कॉन्स्टेबल संजय सांवरे। पुलिस की ड्यूटी के साथ वे पिछले 9 साल से गरीब बच्चों को मुफ्त पढ़ा रहे हैं। यही नहीं, कई बच्चों की स्कूल फीस और पढ़ाई का खर्च उठाने में मदद करते हैं। इस कार्य में उनके कुछ मित्र भी उनका साथ देने लगे हैं।
एक पुलिस अधिकारी के ऑफिस में कार्यरत संजय सांवरे क्यूआरटी टीम का हिस्सा हैं। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। पढ़ाई के लिए पैसे जुटाना भी मुश्किल था, लेकिन संघर्षों के बीच पढ़कर वे कॉन्स्टेबल बने। तभी उन्होंने निश्चय किया कि बस्ती के बच्चों को ऐसी कठिनाइयों से न गुजरना पड़े। वे कहते हैं कि लोग सोचते हैं कि मदद सिर्फ पैसों से होती है, लेकिन यहां जरूरत शिक्षा की थी। इसलिए मैंने शिक्षा की अलख जगाने का संकल्प लिया।
मेरे पास 1st से लेकर 10th क्लास तक के बच्चे पढाई करने आ रहे है, जिन्हों हर रविवार पढ़ाता हूँ | इसके आलावा बच्चो को अलग अलग जगह घुमाने भी ले जाता हू | इससे बच्चो का मनोबल बढ़ता है |
बच्चों का भविष्य संवारना ही उद्देश्य
पेड़ की पाठशाला के पीछे संजय का उद्देश्य गरीब और असहाय बच्चों का भविष्य संवारना है। उनकी पाठशाला में आने वाले बच्चों के परिवार की स्थिति भी ज्यादा ठीक नहीं है। वे चाहते हैं कि यहां पढ़ने वाले बच्चे आगे जाकर अच्छी नौकरी करें या सरकारी नौकरी में जाएं, ताकि उनका भविष्य संवर सके। इसके लिए वे पूरी मेहनत भी कर रहे हैं।
संजय का कहना है कि वे ऐसे सभी बच्चों तक पहुंचना चाहते हैं जो पढ़ना चाहते हैं, अपने देश के लिए कुछ करना चाहते हैं। हमारी टीम ऑपरेशन स्माइल के नाम से काम कर रही है।

