- उज्जैन | चिमनगंज मंडी थाने में पदस्थ आरक्षक रवि कुशवाह को लोकायुक्त पुलिस ने एक शिकायत के बाद रिश्वत के मामले में रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया है | लोकायुक्त पुलिस को शिकायत मिली थी कि आरक्षक द्वारा शिकायतकर्ता से सट्टा कारोबार शुरू करने के एवज में डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत मांग रहा , जिसमे उसने दो अन्य आरक्षक और एक एस आई परिहार के नाम से ये रिश्वत की राशी मांगी थी |
फरियादी ने उक्त मामले में 50 हजार रुपए देने की हां करते हुए मामले की शिकायत लोकायुक्त पुलिस को की थी जिसके बाद आज लोकायुक्त पुलिस के साथ उक्त फरियादी मुकेश धमनानी संजय सूर्यवंशी रिश्वत की राशी 25 हजार रुपए आरक्षक रवि को देने के लिए पहुचे थे , जैसे ही आरक्षक युवको को थाने के पीछे लेकर गया और रुपए लिए वैसे ही लोकायुक्त की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया , हालाकि थाने के पीछे आरक्षक ने रिश्वत की राशी लेकर कही छुपा दी लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने आरक्षक के हाथ धुलवाए तो हाथो में नोटों पर लगा ट्रेक कलर आ गया वही पेंट की जेब को भी जब धोया गया तो उसमे भी कलर आ गया |लोकायुक्त ने आरक्षक रवि कुशवाह को 25 हजार की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर मोके पर ही जमानत पर छोड़ दिया वही फरियादी द्वारा बताया गए दो अन्य आरक्षक और एस आई परिहार मामले में जाँच की जा रही है |
शहर में मुख्यमंत्री होने के बाद भी पुलिस का भ्रष्ट्राचार जारी
गुरुवार को उज्जैन में प्रदेश के मुखिया का आगमन हुआ था पुलिस अधीक्षक सहित विभाग के सारे अधिकारी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में व्यस्त थे और दूसरी तरफ चिमनगंज थाने का आरक्षक सट्टा शुरू करवाने के नाम पर सोदे बाजी कर रहा था |और मामले में खुद ही फंस गया |
क्या थाना प्रभारी की सह पर हो रहा था सब
सवाल यह है किसी भी थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार थाना प्रभारी की सह के बिना शुरू नही हो सकते अगर एक आरक्षक अवैध कारोबार को शुरू करवाने के नाम पर रुपयों की मांग कर रहा था तो साफ़ है की कही ना कही थाना प्रभारी की भी इसमें सहमती होगी यानी रिश्वत का पैसा थाना प्रभारी के पास भी जा रहा होगा |
गबन काण्ड की जाँच कर रहे थाना प्रभारी के थाने में भी रिश्वत खोरी
हालही में उज्जैन में हुए जेल गबन काण्ड की जाँच टीम में चिमनगंज थाना प्रभारी जितेन्द्र भास्कर भी शामिल है सवाल यह है की जो अधिकारी अपने अधिनस्त कर्मचारियों से अपने थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार को शुरू करवाने के नाम पर उगाई करवा रहा हो वह गबन काण्ड की कैसे निष्पक्ष जाँच करेगा |
चिमनगंज थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा चल रहे अवैध धंधे
इस बात से इंकार नही किया जा सकता की चिमनगंज थाना क्षेत्र में ही सबसे ज्यादा अवैध कारोबारों के ठिकाने है अवैध शराब बिक्री हो या सट्टा कारोबार या अवैध मादक पदार्थ की बिक्री हर काम के बड़े तस्कर चिमनगंज थाना क्षेत्र में मिल जाएँगे , जिन्हें कही ना कही पुलिस की पनाह मिलती रही है | थाना प्रभारी भी तत्कालीन एसपी की नजदीकियों के चलते दबंगई से थाना क्षेत्र में होने वाले गलत कामो पर परदे डालते आए है |
