उदयपुर | राजस्थान की उदयपुर पुलिस ने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर केस दर्ज कर लिया है। एक दिन पहले उदयपुर में हुई धर्मसभा में उनके एक भड़काऊ बयान को लेकर पुलिस ने यह एक्शन लेते हुए मुकदमा दर्ज करने जैसा निर्णय लिया है। धर्मसभा में उन्होंने लोगों का आह्वान करते हुए कहा था कि राजसमंद जिले के कुम्भलगढ़ किले में जो 100 हरे झंडे लगे हैं, वहां भगवा झंडा लगवाओ।
पुलिस ने इसे धार्मिक हिंसा भड़काने वाला माना है। उनके इस बयान पर संज्ञान लेते हुए शहर के हाथीपोल थाने में मामला दर्ज किया गया। उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने बताया कि उनका बयान भड़काऊ और विवादित है।
एडिशनल एसपी चन्द्रशील ठाकुर ने बताया- पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने समुदायों के बीच विवाद बढ़ाने वाले भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया। इसी बयान के बाद गुरुवार रात कुछ युवाओं ने कुम्भलगढ़ किले पर उत्पात मचाने की कोशिश भी की। इनमें से 5 युवाओं को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ केलवाड़ा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बता दें कि उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में गुरुवार को एक धर्मसभा की गई थी। इसमें पंडित धीरेंद्र शास्त्री के साथ कथा मर्मज्ञ पंडित देवकीनंदन ठाकुर और बांसवाड़ा के संत उत्तम स्वामी सहित कई संत-महात्मा मंच पर मौजूद थे।
धीरेन्द्र शास्त्री ने अपने वक्तव्य के दोरान किले में भगवा झंडा लगवाने का तीन बार जिक्र किया
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कुम्भलगढ़ किले में भगवा झंडा लगवाने का मंच से तीन बार जिक्र किया। कहा, ‘डरते तो हम किसी के बाप से नहीं हैं। डरते तो वो हैं, जो बुजदिल होते हैं। हम तो वो हैं, जो कुम्भलगढ़ किले में भी भगवा झंडा लगवाकर मानेंगे। युवाओं की भीड़ को आह्वान करते हुए शास्त्री बोले- तुम चाहते हो कि वहां भगवा झंडा गड़े। क्या ये बात सही है, अगर सही है तो चुप क्यों बैठे हो।’
किले के नीचे कुछ घरों में लगे हैं धार्मिक झंडे उन्हें हटाओ भगवा लगाओ
वरिष्ठ इतिहासकार प्रो. जीएल मेनारिया ने बताया कि महाराणा कुम्भा ने कुम्भलगढ़ दुर्ग बनवाया। इसी दुर्ग में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ। सैकड़ों साल से इस दुर्ग की तलहटी में एक विशेष धर्म के 25 से 30 परिवार रहते हैं। ये परिवार हरे रंग का धार्मिक झंडा लगाते हैं। इस जगह पर अब तक कोई सांप्रदायिक घटना नहीं हुई है।
उदयपुर एसपी बोले- नियमानुसार होगी कार्रवाई
उदयपुर एसपी विकास शर्मा ने कहा- धीरेंद्र शास्त्री के बयान पर संज्ञान लेते हुए मुकदमा दर्ज किया गया है। मामले में जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि पं. धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ आईपीसी की धारा 153ए के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। यह धारा धर्म, जाति, भाषा या निवास आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भावना बिगाड़ने के मामले में लगाई जाती है। इसमें 3 साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।

