उज्जैन | मध्यप्रदेश के उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय के पीएचडी कांड में लोकायुक्त ने तीन नए आरोपी बना लिए है मामले में तीन छात्रों को आरोपी बनाया गया है वही अब गुरुवार को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश पांडे को भी लोकायुक्त ने तलब किया है वही पीएचडी से जुड़े मामले में करीब एक घंटे तक पूछताछ की। वही लोकायुक्त उक्त मामले में आरोपियों की संख्या और भी बड़ा सकती है ।
मध्यप्रदेश में भाजपा की शिवराज सरकार की परेशानिया कम होने का नाम नही ले रही है प्रदेश में चुनाव सर पर है वही शिवराज सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डाक्टर मोहन यादव के गृह क्षेत्र और कार्य क्षेत्र में आने वाले विक्रम विश्व विद्यालय में पीएचडी परीक्षा से बड़ा मामला ना सिर्फ सामने आया बल्कि उक्त मामले में गंभीर अपराध भी लोकायुक्त ने दर्ज कर लिया , आपको बता दे की उक्त पीएचडी परीक्षा की आंसर शीट में हुई गड़बड़ी के बाद लोकायुक्त ने पूर्व कुलसचिव व प्रोफेसर सहित 8 लोगों को आरोपी बना लिया है। जांच अधिकारी दीपक शेजवार ने गुरुवार को विक्रम विश्व विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडे को पूछताछ के लिए लोकायुक्त कार्यलय कोठी परिसर बुलाया। प्रो. पांडे से आंसर शीट में की गई गड़बड़ियों के संबंध में करीब एक घंटे तक बयान लिए गए।
6 मार्च 2022 को हुई इंजीनियरिंग पीएचडी प्रवेश परीक्षा में धांधली के आरोप यूथ कांंग्रेस के पूर्व प्रदेश सचिव बबलू खिंची ने लगाए थे। पीएचडी परीक्षा की आंसर शीट में धांधली कर 11 शोधार्थियों को पास किया था। मामले में 18 मई 2023 को लोकायुक्त में शिकायत हुई थी। शिकायत के बाद विवि विद्यालय कुलसचिव डॉ.प्रशांत पौराणिक, सहायक कुल सचिव वीरेंद्र ऊचवारे प्रोफेसर डाॅ. पीके वर्मा, डॉ. गणपत अहिरवार, इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रेाफेसर डॉ. वायएस ठाकुर अमित मरमट, यूपी स्थित ऐटा के गौरव कुमार शर्मा और देवास की अंशुमा पटेल पर भ्रष्टाचार अधिनियम में केस दर्ज किया था।
