नई दिल्ली || भारत की सौर ऊर्जा क्षमता 2028 तक बढ़कर लगभग 216 गीगावाट होने की उम्मीद है, जिससे 3.5 बिलियन यूनिट बिजली उत्पन्न होगी। पीएलआई स्कीम व निर्यात वृद्धि के चलते सोलर पैनल उत्पादन तेज़ी से बढ़ रहा है, और 2028 तक देश को 36–47 करोड़ पैनलों की आवश्यकता होगी।
भारत की सौर ऊर्जा की क्षमता 2028 तक लगभग 216 गीगावाट तक होने की उम्मीद जताई गयी है। केयरएज एडवाइजरी की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2028 तक लगभग 3.5 बिलियन यूनिट बिजली जैनरेट करेगा। प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत सौर ऊर्जा का तेजी से विस्तार हो रहा है। 1 मेगावाट सोलर पावर के लिए 1700 से 2200 पैनल स्थापित किए जाने में सुधार हो रहा है। भारत में अब तक लगाए गए सोलर बेस 2015 में 3.9 गीगावाट से सितंबर 2025 तक बढ़कर 127.3 गीगावाट हो गया है, जिसने कुल इंस्टॉल्ड कैपेसिटी में 25 प्रतिशत से अधिक का योगदान दिया है।
भारत का सोलर पीवी प्रोडक्ट्स का निर्यात भी 2019 से 2025 की अवधि में 10 गुना से अधिक बढ़ गया है। भारत सोलर पैनल के उत्पादन में एक बड़ा हिस्सा अमेरिका को निर्यात कर रहा है। केयरएज ए़डवाइडरी का अनुमान है कि 2028 तक भारत को 215-220 गीगावाट सोलर कैपेसिटी के लिए लगभग 36 से 47 करोड़ सोलर पैनल की जरूरत होगी।
