पुणे | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार (5 सितंबर) को कहा, मणिपुर में परिस्थितियां कठिन बनी हुई हैं। स्थानीय लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वहां कारोबार या सामाजिक सेवा के लिए गए लोगों के लिए माहौल अधिक चुनौतीपूर्ण है।
उन्होंने कहा- इस सबके बावजूद संघ के कार्यकर्ता दोनों गुटों (कुकी और मैतेई) की मदद और माहौल सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यकर्ता न तो वहां से भागे, न ही हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहे। वे जनजीवन सामान्य करने, गुस्सा कम करने और राष्ट्रीय एकता की भावना बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले- मणिपुर में सुरक्षा की गारंटी नहीं
संघ प्रमुख डॉ मोहन भागवत पुणे में शंकर दिनकर काने की 100वीं जयंती पर एक कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां उन्होंने करीब 5 घंटे का भाषण दिया। भागवत ने कहा- शंकर दिनकर 1971 तक मणिपुर में बच्चों को शिक्षित करने के अभियान में जुटे थे। संगठन के कार्यकर्ता तमाम चुनौतियों और सुरक्षा की गारंटी न होने के बावजूद संघर्षग्रस्त उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में डटे हैं।
संघ सुप्रीमो बोले – NGO सब कुछ नहीं संभाल सकते
मणिपुर को लेकर संघ चीफ ने कहा- मणिपुर में NGO सब कुछ नहीं संभाल सकते। संघ स्थिति सुधारने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। संघ सभी पक्षों से बातचीत कर रहा है। स्वयंसेवकों ने लोगों का विश्वास हासिल कर लिया है। स्थानीय लोगों ने सालों से संघ के काम को देखा है, इसलिए विश्वास किया है।
