जनसंवाद एक्सप्रेस न्यूज.उज्जैन।कई सालो के अंतराल के बाद हाइब्रिड यानी संकर सूर्यग्रहण 20 अप्रैल 2023 को होगा, और यह दुर्लभ नज़ारा कालगणना के केंद्र माने जाने वाले उज्जैन में नही दिखाई देगा।
इस साल की यह पहली बड़ी खगोलीय घटना होगी, क्योंकि यह एक अलग सूर्यग्रहण होता है। भारत के कुछ हिस्सों सहित दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में ऑस्ट्रेलिया तक इस ग्रहण के दिखाई देने की उम्मीद है।
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला के प्रमुख राजेन्द्र गुप्त ने उक्त ग्रहण को लेकर जानकारी देते हुए बताया की यह सूर्यग्रहण दुर्लभ खगोलीय घटना है। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में धरती के कुछ स्थानों पर पूर्ण ग्रहण होगा, जबकि अन्य क्षेत्रों में वलयाकार ग्रहण दिखाई देगा। पूर्ण सूर्य ग्रहण तब होता है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं।
हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में, यह कुछ स्थानों पर वलयाकार ग्रहण के रूप में इसलिए दिखाई देगा क्योंकि चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में होता है।
कुछ अन्य स्थानों पर यह ग्रहण पूर्ण ग्रहण के रूप में दिखाई देगा क्योंकि चंद्रमा की छाया पृथ्वी की सतह पर चलती है। नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के वार्षिक ग्रहण डेटा के अनुसार यह सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल को होगा। हाइब्रिड सूर्य ग्रहण का ट्रैक दक्षिणी हिंद महासागर से शुरू होता है और ऑस्ट्रेलिया तक फैला होगा।
